1 SEP 2017 AT 20:47

दो लड़के थे मोहल्ले के
प्यार किया करते थे तुझसे।
तू चिड़िया थी, खुली-आज़ाद सी,
वो मकड़ी के जाले में फंसे पतंगें।
तू अंग्रेजी किताबें पढ़ा करती थी,
वो हिंदी गीत सुना करते थे।

तुम शहर गई,
वो ठहर गए।
ख़ाली से कितने
दोपहर गए।

एक डुबा आया बातें तेरी
रातों की सस्ती जाम में,
एक डूब गया कविताओं में
लिख-पढ़ के तेरे नाम में।

- The Broken Clock