Rv Goswami   (Rv goswami)
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Joined 24 January 2020


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Joined 24 January 2020
3 JUN 2022 AT 9:05

हाथों की लकीरों में बहुत कुछ बदल भी सकता था।
तू मेरा था और मैं सिर्फ तेरा था ये तू खुद सोच भी तो सकता था।।
किसी और की बातों में आकर तूने मुझसे लड़ाई की थी।
मैं अगर फरेबी होता तो एक बात भी न बताई होती ।।
तेरे जिस्म का फायदा चाहता तो उठा भी तो सकता था।
उससे पहले मैं पाकीजा रूह को अपना बना भी सकता था।।
कभी सोचा है मौका मिलने पर भी मैने तेरा फायदा क्यों नही उठाया।
पागल थी तू , मैं तेरा था और सिर्फ तेरा हो भी तो सकता था।।
कहां गए वो सारे दोस्त जो मेरे ना होने पर तेरे करीब आए थे।
हर तस्वीर मे जो तेरे संग नजर आए थे।।
बदल गए सारे वक्त के हालात पर ।
ना मिला मौका उनको तो छोड़ गए तुझे तेरे हालात पर।।
तू मेरी कहानियां पढ़ने यहां आती रहेगी ।
तुझे मेरे होने का एहसाह ये दिलाती रहेंगी।।
मेरे लफ्ज़ हो सके तो तुझे चुभेंगे भी ।
तेरे आज के हालातो पर हो से कुरेदेंगे भी ।।
तुमसे किया हुआ हर एक वादा निभा रहा हूं ।
खुश नही हूं फिर भी झूठी मुस्कान लिए मुस्कुरा रहा हूं।।
वादों से याद आया वादें सारे याद है ना।
बता देना नवाबों के शहर में आग लगाने को एक शख्स बेताब है ना ।।
कल की रात ऐसी ही एक अनहोनी हुई थी।।
तुम चाहती हो आज भी मुझसे बातें करना ।
जो हुआ इतने दिनो में मुझसे कहना।।
सच कहूं तो हर एक बात पता है।
कौन कितना करीब आया तेरे हर एक राज पता है।।

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2 JUN 2022 AT 18:47

जिंदगी मे रंग भरने की चाहत मे रंगो को मिलाया था ।
जो महक सके घर मेरा मैने फूलों से बागबान को सजाया था।।
लगे थे गुलाब तो काटें भी साथ ही उगेंगे ।
जिंदगी में सबक भी तो बेहिसाब ही मिलेंगे ।।
खोने की चाहत किसे होती है मैंने तो पा के खोया था ।
उसका पूछो यारों उसने तो पाया हुआ भी खोया था।।
दूसरो की तसल्ली उन्हें प्यार नजर आती थी।
रिश्ते में आंसू की कीमत उन्हें कहां समझ आती थी।।
अब तो उनके भी आंसू गिरते होंगे ।
पोछने वाले हाथ अब किसी और के हाथो मे होते होंगे।।
फूलो से दोस्ती छोड़ मैने काटों को अपना बनाया है ।
तुझे किया हुआ वादा भी मैने आजतक ईमानदारी से निभाया है।।
तेरे जाने के बाद मैने हर एक शक्स के प्यार को मजाक बनाया है ।
कपड़े तो बहुत दूर है मैंने तो उनके उनके दिल के चादरों को भी उनसे ही बदलवाया है।।
वो मोहब्बत की बातें वो रात मे जगी है हर एक रातें,
अब औरों के लिए आती ही नहीं।
इस नापाक जिस्म में अब एक छलिया रहता है,
जो अब जिस्म से और प्रेम के मजाक में रहता है ।।
तेरे आंसु गिरते है तो पोछने वाले तेरे यार तो साथ होते होंगे।
उन यारो में मेरी कमी के गुबार तो होते होंगे।।
सोच तेरे अपनो ने तुझे कैसे छोड़ा है जिनके लिए तुम सब कर गई ।
तेरा हाल भी उन्होंने न शायद कभी पूछा है।।
मैं जैसा भी था उन सबसे पूछ मैं सिर्फ तेरा था।
खैर छोड़ ये बाते ये बता तेरा हाल इतने दिनो में किसी ने पूछा है।।

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1 JUN 2022 AT 18:45

एक कहानी फिर से लिखने के लिए तैयार की जाएगी ।
एक बार फिर हाथो की नसों से निकले खून की स्याही बनाई जाएगी ।।
फिर लिखी जाएगी तेरी यादें और तेरी बाते।
एक बार फिर ये आंखे रो कर लाल की जाएंगी।।
टूटे हुए दिल को संजोया जायेगा ।
बिखरे हुए चादरों की सिलवट को फिर संजोया जायेगा ।
फिर तेरी यादों को लिटा के बाहों में उन्हें भर कर जी भर के रोया जायेगा।।
तेरी तस्वीर को खो के पाने की चाहत हमेशा होती रहेगी ।
तेरे पास न हो तस्वीर मेरी लेकिन,
तेरी तस्वीर से अपनी जिंदगी की कहानी बनाई जाएगी ।
नाम नही लूंगा बेसक तू किसी दुआ से कम नही थी।
तुझे पाने की चाहत में हर मंदिर हर दरगाह पर सजदा जरूर किया था।
तेरा नाम नही लूंगा इस कविता में,
लेकिन तुझे पूजा जरूर गया था ।।
कातिलों की बस्ती थी अपनो की नाराजगी थी।
मेरा रोना और फिर तुझे याद करना,
तुझे बुरा बेसक ना लगा फिर भी तुझे माफ़ करना।
याद है वो मातम की रात तू रात जगी और मुझे अपने पास बुलाया ।
डर लगता था तुझको फिर भी भरोसा मुझपर जताया ।।
नाम नही लूंगा लेकिन तुझे पूजा जरूर गया था ।
इस दिल से तेरे लिए दुआओ का सजदा आज भी किया जाएगा।।
तुम्हारे जन्मदिन का महीना आ गया तारीक भी छबीस वा याद आ गया ।
नाम नही लूंगा लेकिन तुझे पूजा जरूर गया ।।

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28 MAY 2022 AT 20:32

परिंदे घर जाएं तो अच्छा है,कुछ ख्वाब मर जाएं तो अच्छा है।।
ये दर्दों का नशा छूटे ना छूटता है,प्यार करने वालो से क्यों मन मेरा ऊबता है।।
सच कहूं मुझे अकेले मरना नहीं,पर कोई दिल के पास आए तो दम मेरा घुटता है।।
मेरी बातें अब सबके दिलो को दुखाती है,लोगों की फिक्र मुझे नोच के खाती है।।
दिन तो गुजर जाता है अक्सर कामों में,रात होते ही तेरी यादें मौत की तरह आती है।।
लोग कहते है उसे मिल गया वो जो भी उसने चाहा,पर उसे पता है उसने सब खो दिया।।

मैं बदल गया ये बात कइयों ने मुंह पर कहा है।
पर देखा नही किसी ने उस रिश्ते में जो मैने सहा है।।
आजकल मैं झूठ भी बोलने लगा हूं।
मुझे लगता है मैं वो इंसान ही अब नहीं रहा हूं।।
जो बिकता नही किसी के कहने पर ।
वो देखो अब अपनी मर्जी से बिकने लगा है।।
मुझे मेरी जान कहने वाले बेहिसाब निकले है।
मुझे प्यार करने वाले पत्थर दिल ही निकले है।।
मुझे मरहम देने वाले मेरे दोस्त भी तेजाब निकले है।
जो दिल मे था दर्द वो भी अब चिलाने लगे है।।
खुद गलतियां कर के लोग हमे अब गलत बताने लगे है।
बेवफा लोग भी अब हमे बेवफा कहने लगे है।।
मेरे रिश्ते भी खंजर ही निकले है।
जो अब तक नहीं बिका था,
वो अब अपनी मर्जी से सौदों पर बिकने लगा है।।

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27 MAY 2022 AT 22:21

अजनबी थे हम पहली मुलाकात मे,
बातें शुरू हुई थी हम दोनो की आधी रात मे।
फिर क्या रोज बातें होती गई।
मैं उसके बातों में खोता गया ।।
मेरा दिल ऐसा था जो पिघलता नहीं था,
वो मुझे रास्तों मे पिघलती गई।।
शुरुवात मे वो कितने हसीन पल था न,
बातें किया करते थे घंटो घंटो कितने अच्छे कल थे ना,
जब छोटी छोटी बातों पर मैं खफा हो जाया करता था।
याद है तुम्हे जब मैं खोने से डरता था ,
हटा कर गम मेरे छीन लेती थी खामोशियां मेरी ।।
वक्त भी कम पड़ जाता था न बाते करने को,
अब तो सुबह शाम हो जाती है रातें काली करने को ।।
अब वो लम्हा मुझे हर पल याद आता है,
वो जो बीता हुआ पल है मुझे बहुत सताता है।।
पता है जब कोई बुरा कहता था मैं लड़ जाता था,
मेरी नजरो से तुम्हारे ओझल होने पर डर जाता था।।
अगर है खुदा तो मैं एक दुआ करूंगा ,
मिले अगर हम दोनो तो एक जान का सौदा करूंगा ।।
जो साथ था मेरे वो हमराह लौटा दो ,
या तो खुदा मुझसे मेरी सांसे भी छीन लो।।

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11 MAR 2022 AT 9:07

होली के वो पुराने दिन अब याद आते है।
लगायें थे जो गुलाल तुमने अपने हाथो से कभी मेरे चेहरों पर,
उनके वो अक्स आईने मे अब नजर आते है ।।
धुलने की कोशिस उन अक्सो को हज़ारो बार कर चुका हूँ।
अपनी इन कोशिसों मे नाकामयाब मै कई बार हो चुका हुँ।।
होली के रंग जब चेहरे पर कोइ लगाता हो ,
और आईने के सामने जाने से जब दिल घबराता हो।।
उन पलो मे भी तेरा अक्स मेरी आँखो में नजर आता हो ।।
मेरी आँखो को पहली बार तुमने ही नसीला बताया था।
इन आँखो को नसीला कोई और नहीं तुमने ही तो बनाया था।।
तेरे जाने के बाद बहुतों ने आँखो को नसीला बताया है ।
इन आँखो मे आज भी तेरा अक्स ही लोगो ने पाया है ।।
पता है अब मै रंगो और रंगीन दुनिया से दूर भगता हुं।
यही वजह है अब मै काले रंग पहनता हुँ।।
काले रंगो मे अब कोई रंग नहीं जजता है।
अब कोई कितनी भी कोशिश कर ले इन आँखो मे किसी और का रंग नहीं चढ़ता है।।
इन आँखो में अब भी तेरी याद और तेरी निशानियाँ दिखती है।
सामने वालो को इन आखो मे अब भी तेरी और मेरी कहानियाँ दिखती है।।
होली के वो पुराने दिन अब याद आते है।
लगायें थे जो गुलाल तुमने अपने हाथो से कभी मेरे चेहरों पर,
उनके वो अक्स आईने मे अब नजर आते है ।।

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8 MAR 2022 AT 23:14

दुनिया की सबसे बदतरीन भीख मोहब्बत की होती है...

मैंने तुमसे वो भीख भी मांगी थी...

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6 MAR 2022 AT 18:56

ये लाल इश्क.. ये मलाल इश्क़..
ये होंठों पर होंठ साझा करे वो लाल इश्क..
ये इश्क ये बैर इश्क़.. इश्क़ इश्क़ और सिर्फ इश्क़....
ये काली रात में तुझे जकड़ लूं..
ये ठंडा बदन तेरा बाहों में भर लूँ...
दिन रात बैरी भेद का मैं ये रुखसत कहीं और मोड़ दूँ..
अपना नाम बदल लूँ या तेरा नाम खुद में ही जोड़ लूं..
या छोड़ कर ये सारी बदन की आग मैं तेरा बैराग बन जाऊँ..
होठों पर रख दे ये लाल इश्क ये मलाल इश्क़
मेरा नाम इश्क तेरा नाम इश्क..बदन पर लिपटा गुलाब इश्क..
तेरा काम इश्क.. मेरा नाम इश्क़.. तुझसे जुड़ा हर सवाल इश्क..
तेरी मांग में वो लाल इश्क़..
तुझसे जुदा हूं ये खुद से ही सवाल इश्क़..
रात की पहली आहट है ये इश्क़.. बालो के उलझे सवाल है ये इश्क..
हाथो का एहसास ये है लाल इश्क..
मेरे लहू का निकला ये लाल इश्क..
मेरा नाम इश्क तुझपर खत्म हो ये इश्क़..
इश्क इश्क़ और बस इश्क़..

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27 FEB 2022 AT 20:30

ख्वाबों के पुलिंदो से जिंदगी को सजाया नहीं जाता..
टूट कर बिखरे फूलों को किताबों में संजोया नहीं जाता..
जिंदगी में प्यार की कमी अक्सर खलती है..
आखें बंद होने पर आखों में एक नमी अक्सर बनती है..
चेहरे और उन चेहरों पर अक्सर खामोशी की चादर पड़ी रहती है..
चादर हटा के देखने वालों को सारे दर्द दिखने लगते हैं..
चेहरे पर झूठी मुस्कान के सारे राज खुलने लगते हैं..
सामने क्या है और क्या होता रहा है ये अह्सास होने लगता है..
बिखरी जुल्फों में ज़ख्म के हथियार दिखने लगते हैं..
जिन जुल्फों में सुकून के पल कभी ढूँढते थे...
उन्हीं के चेहरों पर फरेबी मुस्कान दिखते हैं...
टूटने वाले अक्सर खामोश हो जाते हैं..
जो जानते थे उस शख्स को वो भी हैरान होने लगते हैं..
आखों में अलग सा नशा समाया रहता है..
गौर से देखना उसमे ज़ख्म देने वाले का चेहरा हमेशा समाया रहता है...

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20 DEC 2021 AT 18:51

खून बहा है इतना इस प्यार की कहानी में...
आखें भी डूब गई है पानी में...
दुनिया हमको क्या कहकर के छोड़ेगी..
हम ही छोड़ आए हैं सबको बेध्यानी में...
हमको पढ़ने का शौक रखने वालों पहले जा कर उसको पढ़...
शेर का मानी भी खुलता है सानी में...
प्यार की कश्ती में कभी घुमा करता था मैं..
छोड़ आया गुस्सा उसकी एक जुबानी पर...
अब सबका दिल चिंतित हुआ है...
राजा मर ना जाए बिना अपनी रानी के...
गले का मंगलसूत्र और माथे पर सिंदूर एक दिन शादी की गवाही चीख चीख के देगा...
तुम और हम जीते जी मर रहे इस बात की गवाही देगा..
उसको महबूब तो मिलेगा लेकिन प्यार तो नहीं मिलेगा...
ग़र मिल भी गया उसे प्यार तो तुम्हारा प्यार जीते जी मर रहा होगा....

ये आखिरी कविता मेरी और उसके प्यार की निशानी..
चाहा हूं कितना टूटा हूं कितना ये उसकी गवाही है..
ये इंसान जीते जी मर रहा ये उसकी निशानी है....
इन्तेज़ार रहेगा उसका आखिरी साँस तक ये उस बात की है गवाही..
खत्म हुई कहानी मेरी उसकी निशानी

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