न जानामि योगं जपं नैव पूजां
नतोऽहं सदा सर्वदा शंभु तुभ्यं।।
जरा जन्म दुःखोद्य तातप्यमानं।
प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो॥
शिव शब्द,शिव अर्थ,शिव ही परमार्थ हैं
शिव कर्म,शिव भाग्य, शिव ही पुरुषार्थ हैं
शिव स्नेह, शिव राग,शिव ही अनुराग हैं,
हर हर महादेव 🙏
- कुछ अपनी कलम से
15 OCT 2018 AT 21:07