टूट कर बिखर गया हूं शीशे साआकर समेट ले मुझे ज़रा साजोड़ ले मुझे कमसेकम ए बेदर्दचाहे न बन तू अब हमदर्दउन्ही दरारों को अपना सहारा बना लूंगादर्द अब तो है इतने कि शराब में उसे डूबा दूंगा - Ruchir
टूट कर बिखर गया हूं शीशे साआकर समेट ले मुझे ज़रा साजोड़ ले मुझे कमसेकम ए बेदर्दचाहे न बन तू अब हमदर्दउन्ही दरारों को अपना सहारा बना लूंगादर्द अब तो है इतने कि शराब में उसे डूबा दूंगा
- Ruchir