14 SEP 2017 AT 8:08

टूट कर बिखर गया हूं शीशे सा
आकर समेट ले मुझे ज़रा सा
जोड़ ले मुझे कमसेकम ए बेदर्द
चाहे न बन तू अब हमदर्द
उन्ही दरारों को अपना सहारा बना लूंगा
दर्द अब तो है इतने कि शराब में उसे डूबा दूंगा

- Ruchir