Roshni Malik   (SerenDipity)
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Joined 12 August 2017


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20 JUL 2023 AT 9:59

U N I V E R S E
The only place you can trust

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4 FEB 2021 AT 3:16

कौन हूं मैं,
इंसान या फ़िर कोई काफ़िर।

तेरी बनाई हुई इस दुनिया में,
अपने आप को ज़ाहिर करना पड़ रहा है,
खुदी से खुदी का पता पूछना पड़ रहा है।

कहते है मोहब्बत इंसान से नहीं दिल से होती है,
लेकिन यहां तो ज़ात की वकालत होती है।

तुम ऊचे ज़र्फ़ के हो ना हो,
तुम्हारी औकाद ऊंची होनी चाहिए।

अजीब सी है ये दुनिया,
थोड़ी मुनाफिक सी भी है।

बस यही सोचता हूं,
कि कौन हूं मैं,
इंसान या फ़िर कोई काफ़िर।

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14 JUN 2020 AT 15:26

Dear Sushant,

Those trembling thoughts in the mind, the choked up throat and thousand of memories running across. I see it wouldn't have been easy and I am sure you tried enough. It is sad to see we lost you not because of illness but because you didn't have someone to talk with. Your experiences and journey must have been difficult and only yours but we hoped that you should've fought more.

Wish your soul Rest In Peace and we all start taking care of our mental health. It is important and yes very important.

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14 JUN 2020 AT 15:20

एक अंधा सा आइना है
एक सोच का शोर है

जबरन दिल धड़कता है
एक ही चीज़ दोहराता है

नफ़्ज टेहरने लगी हैं
सांसें रुकने लगी हैं

कोई बात नहीं
कोई लोग नहीं

सोचा था कि मैं जी लूंगा
लेकिन अब हारने लगा हूं

एक अंधा सा आइना है
एक सोच का शोर है

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1 JUN 2020 AT 22:04

हसरतों के शहर से निकले और बेनकाब हो गए
जलते हुए शमा से इख्लाक़ ने ये पूछा
की हम दूर क्या हुए आप तो अजनबी हो गए

ज़माना बेगैरतों में गिनती करता है हमारी
घूमते बंजारों से तस्लीम होती है
आज हम यहां है और ज़िन्दगी उधर ही रह गई हमारी

चाहत लफ्ज़ बहुत आसान हैं
लेकिन इसके मायने उतने ही आला
शब्द-ब-शब्द रुसवाई हुई इस क़दर
की अब रिहाई आसान लगने लगी है

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24 NOV 2019 AT 19:59

और जब सितारों की महफ़िल लगी ही थी
की बारिश को भी तभी बरसना था

रहमतों की ज़िंदगी अब तो थोड़ी लम्बी हो
की कम से कम यादें बनाने का मौका तो हो

तेरी दूरी मंज़ूर है, लेकिन नाराज़गी नहीं
तू हसरत है मेरी, कोई आवारगी नहीं

सौदागर तू बन मेरे सपनो का
ना बन तू क़ातिल मेरी दीवानगी का

बस अब तू करीब आजा
तेरी बाहों की ज़रूरत है मुझे

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15 NOV 2019 AT 18:59

बस यूँही उसका आना जाना
अजीब सी क़ैफियत देता है

ऊंचाई से देख़ने में ऐसा मैहसूस होता है
की कब यहाँ भी ख़ुशियाँ आऐंगी

घुटन सी होती है तेरी हरक़तों से
सोचने पर मजबूर हूँ कि क्या सब ठीक़ है

हर बार, और बार बार
कैसे एक ही ग़लती कर बैठता हूँ मैं

काले को काला नही
सफेद समझ बैठता हूँ मैं

होंटों से निकली हुई बात
वापस नही ली जाती

उसी तरह गुज़रे हुए पल
भुलाये नही जाते

मुशकि़लें ही भूझता रह गया मैं
और वो हवा के झोकें की तरह गायब हो गया

तेरी मासूमियत ने दिल का किवाड़ खोल दिया
तेरी हैसी के ठहाकों ने रोम रोम ज़िन्दा कर दिया

हम भुलाए ना भुल पाते हैं
लेकिन तेरी बेरुख़ी ने फिर कुछ याद दिला दिया

बस यूँही उसका आना जाना
अजीब सी क़ैफियत देता है

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4 NOV 2019 AT 22:48

Lafzon mein hi lipti reh gayi zindagi
Kisi ko jhoot laga toh kisi ko sach

Aksar yahi sochta hun ki kya kahein
Jo dil mein hai woh ya jo hai hi nahin

Bayaan karne se shikwe door ho jaate hain
Leqin kambhakqt hum to akele ho jaate hain

Apni taqreer aur tadbeer ki beech ki ladai
Hum Humesha Haar Jaaya karte hain

Tujhse Mohabbat hai aur Humesha Rahegi
Har baar ki tarah is waqt ne saath nahi diya

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21 OCT 2019 AT 4:19

Those Tintling Eyes, That Lovely Smile
Wear That Thing Everyday 'You Boy'

That Ardent Heart, The Joy Beyond Expression
Keep That Alive Forever 'You Boy'

For Whatever Is Planned Ahead
Make It Worth Every Moment 'You Boy'

I May Not Be Closer To You Always
But I Celebrate Every Heart Beat of Yours 'My Boy'

Happiest Birthday Boy !!!

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5 OCT 2019 AT 1:52


कुछ तेरी खुश्बू ऐसी थी
की हम चाह के भी बेहोश ना हो सक़े

तेरे ख्वाबों की ताबीर बुनने लगे
की हम जाग के भी सो ना सक़े

तुझसे मिलने की आरजू ने
दिल-ओ-दिमाग में...

कि, तुझसे मिलने की आरजू ने
दिल-ओ-दिमाग में...

ना जानै कैसीं आज़माईशें पैदा कर दीं
की हम नश-ए-मंदं होते हुए भी
सुरूर मे ना बह सके

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