सफ़र जैसा भी था,
अच्छा था,
मगर इतना नहीं..
वो था तो
मेरा पर इतना भी नहीं...-
रिश्तों को तौलने का नहीं सम्मान देने का प्रयास करे और मुझे को परखने का नहीं समझने का प्रयास करें
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सर्द रात कपकपाती ये दिन
बैठा हूं धूप मे
और
लिख रहा हूं
"प्रेम"
"मुझे प्रेम है तुमसे"-
इस साल से थोड़ा अपने आप को बदलिए,
थोड़ा अपने लिए, थोड़ा मेरे लिए,
थोड़ा उनके लिए जिन्हे आपसे उम्मीदे है,
थोड़ा उनके लिए जिन पर आप निर्भर है
बहुत ज़्यादा नही बस थोड़ा बहुत.
खैर!..इस साल मे खूब सारा सुकून बरसे....-
हमारे लिए आसान तो नहीं होता जुदाई के दर्द से बाहर आ पाना
मगर फिर भी दिखावा है ये मुस्कुराती सुबह,खिलखिलाती दोपहर और ठंडी पड़ रही सांसों की गर्मी...
और फिर दिन एक त्याग दिये जाएंगे
वह खूबसूरत पल, प्रेम से दिए गए सब उपहार....-
मे अब अंदर कुछ बदलाव चाहता हूँ,
एक दम सब लोगों से ऊब चुका हूँ,
अब इन सबसे दूर जाने का मन है,
मुझे किसी की बातों से कोइ फर्क न पड़े
अब थक चुका हूँ, समझते और समझाते
अब टूट चुका हूं सब की फिक्र करते करते
अब ढूँढना चाहता हूँ.......खुद को खुद मे-
ज़िंदगी में कुछ रिश्ते विरासत में नहीं मिलते
जिन्हें हम बनाते है, समय, विश्वास, और मोहब्बत से
उन्हीं में से एक रिश्ता है हमारा ❣️
और ये रिश्ते एक हादसे मे तोड़े नहीं जाते
ये रिश्ते ले जाते है आपने साथ
समय, विश्वास और मोहब्बत-
मेरा इश्क उम्रभर का उसकी गोद में सूख जायेगा,
में क्या हूँ, ये उन्हें मेरे जाने के बाद समझ आयेगा।-
अंधेरों काली रात है, तीव्र बिजली चमक रही है... एक आंशिक स्वप्न के साथ मैं तन्हाई में लेटा भविष्य के बारे में सोच रहा हूं। कभी कभी पता नही हमें क्या चाहिए होता है
जिसके बिना नींद नहीं आती..........
शायद वो जो हमारे बस मे है ही नही-
जब भी तुम मुस्कुराती हो,
तो ब्रह्माण्ड का हर रंग बेरंग हो जाता है,
तुम्हारी उस हंसी पर इतराती होगी प्रकृति भी,
जैसे पेड़ इतराते है वसंत मे
तुम्हारी हंसी की उस ध्वनि पर पुष्प अपनी सुगंध त्याग देते होंगे जैसे धूप मंदिर में-