Kitni fikr karte hain ab apne bhi yahaan,
Neendein udaakar puchte hain neend aayi ya nahin.-
Jo hamne kaha wo ghalat tha jo tumne kaha wo sahi,
Hamaari mohabbat thi kahaan sahi tumhaara fareb jo sahi.
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जो हमने कहा वो ग़लत था जो तुमने कहा वो सही,
हमारी मोहब्बत थी कहाँ सही तुम्हारा फ़रेब जो सही।-
तुझे देखा सालों बाद तो दिल दुखा फिर सालों बाद
तू न थी पहली सी मेरी मोहब्बत वही थी सालों बाद
सोचा तुझे पुकारूं मैं नाम लेकर फिर सालों बाद
सोचा तुझे बुलाऊं मैं आवाज़ देकर फिर सालों बाद
सोचा तुझ से बात करूँ मैं भूलकर सब फिर सालों बाद
सोचा जब तो याद आई वो आख़िरी बात फिर सालों बाद
सोचा तू भी मुझे दूर से पहचान ही लेगी फिर सालों बाद
अफ़सोस मगर क्या सोचा और क्या हुआ फिर सालों बाद-
Chaaro aur hai khauf mahamari ka
Kya hai koi ilaaj is bimari ka?
Na dekhi esi dehshat kisi ne pehle kbhi,
Naajane kb aayega wo waqt iski baari ka.
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बेटी का कंधा अब बाप के कंधे तक आ चुका है।
बेटी अब बड़ी हो चुकी है।
बेटी की फ़िक्र अब रोज़ाना बाप को सताने लगी है।
बेटी अब बड़ी हो चुकी है।
बेटी को असल दुनिया से वाकिफ़ करना
अब बाप की पहली ज़िम्मेदारी है।
बेटी अब बड़ी हो चुकी है।
बेटी अपनी बातें अब बाप से खुल कर कहने लगी है।
बेटी अब बड़ी हो चुकी है।
वहीं बेटी की रुख़सती का सोच कर अब
बाप की आँखें नम होने लगती हैं।
हां बेटी अब बड़ी हो चुकी है।
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ख़ुदा से पूछता हूँ,
आख़िर तू चाहता क्या है।
इंसान की ज़रा हालत तो देख,
आख़िर तू चाहता क्या है।
हर तरफ ज़नाजों के ढेर हैं आज,
आख़िर तू चाहता क्या है।
रहम कर यूँ बेदर्दी ना कर,
आख़िर तू चाहता क्या है।
आख़िर तू चाहता क्या है?-
If I were a painting,
you'd have been my fine artist,
who colors my whole of the life
with rainbow of emotions.-