Jo hamne kaha wo ghalat tha jo tumne kaha wo sahi, Hamaari mohabbat thi kahaan sahi tumhaara fareb jo sahi. —————————————————————————————— जो हमने कहा वो ग़लत था जो तुमने कहा वो सही, हमारी मोहब्बत थी कहाँ सही तुम्हारा फ़रेब जो सही।
ख़ुदा से पूछता हूँ, आख़िर तू चाहता क्या है। इंसान की ज़रा हालत तो देख, आख़िर तू चाहता क्या है। हर तरफ ज़नाजों के ढेर हैं आज, आख़िर तू चाहता क्या है। रहम कर यूँ बेदर्दी ना कर, आख़िर तू चाहता क्या है। आख़िर तू चाहता क्या है?