rishabh myjoopress   (©myjoopress)
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Joined 4 May 2019


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10 JUN AT 3:05

मन की मनमानी से हारे
खुद की खुशी की चाहत में हारे
हम हारे कुछ रूसवाईयों
कुछ हरजाईयों से
हम हारे दिल में छिपे जज़्बातों
कुछ इरादों की नाकामी से

मन की मनमानी से हारे
चंद शब्दों की गहराई में हारे
हम हारे कुछ अपनों
कुछ गैरों से
हम हारे खुद में छिपी बुराई
कुछ खामियों से

इस दिल की

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10 JUN AT 2:46

रात की किताब में
कुछ किस्से रखने थे मुझे क्यूँ
हालात थे बदलने पर
कई पन्ने थे कोरे मेरे क्यूँ
ना बातें हुई ना मुलाकातें
चाहते दिल में दबी मेरे क्यूँ

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9 JUN AT 2:38

Ladna nhi sikha Papa se
Hai seekha compromise
Adjustment... Krte rho beta
Kbhi to hoga future bright
Kbhi man mujhe karta k
Chhod jaau apna ghar bhi
Ho jau kahi Gum
Na aau ek do month...
Yk what I feel ...
it's like apni value
khud ki najar me hi down hai lagti...
Isiliye logo me acceptance
Mai seek krta rhta hu...
Kbhi kbhi ye lage k ...
K i don't deserve good any
bas jhoothi hasi me ...
Man hi man rota rhta jese Mai

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5 JUN AT 23:55


दूरियाँ बनाने से
नजदीकियाँ कम नहीं होती
हाँ शायद ये सच है कि
सच्चे रिश्तों की
मोहब्बत कम नहीं होती
मिलते हैं जब कभी
बाते भले होती है सारी
नई और पुरानी
तोल मोल कर बोलने की
शख्सियत नहीं होती
सच ही कहते हैं शायद
नजदीकी रिश्तों की
जज़्बातों से जो जुड़ी हो
चाहत होती है दिलों में
जुबान-ए-बयान हरदम
नहीं होती
हर कदम नहीं होती

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5 JUN AT 23:37

आज है बहारें, कल बर्षा, फिर गर्मी,
पतझड़ भी आ सकता है।
मौसम भी बदल सकता है।
हर रोज हो एक जैसा, किसे होती है ये चाह?
अभी गम है पर हमेशा खुशी पाने की,
कौन रखता नहीं आसरा?
मौसम तो बदलना है, कोशिशें रखनी है जारी।
कब तक रहेगी तपिश ये, देखे हर फुलवारी।
चाहते कमजोर ना हो, हौसले कभी ना टूटे।
मौसम बदले ज़िन्दगी के, पर साथ कभी ना छूटे।
वक्त की है बात, बस कुछ बीतने की देर है।
मौसम भी बदल जाएगा,
बस बदलने की देर है।

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5 JUN AT 23:08

कुछ समय पहले तक, कुछ बात हुआ करती थी।
कुछ बातें जो होती थी, कुछ चाह हुआ करती थी।

उस चाह की ही खातिर, कभी मिलना हुआ करता था।
कभी याद करते थे किस्से, कभी रात हुआ करती थी‌।

किसी रात हम यूँ सोचें, क्या पल थे वे सुहाने,
कुछ पल साथ जो गुजारे, क्या बात हुआ करती थी।

कुछ समय पहले तक, कुछ बात हुआ करती थी।
कुछ बातें जो होती थी, क्या चाह हुआ करती थी।

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5 JUN AT 22:48

अगर बातें मेरी बंद हो जाए
समझ लेना कहीं गुम हो गया हूँ
अगर कहते कहते कभी चुप हो जाऊँ
समझ लेना कहीं गुम हो गया हूँ
अगर कई दिनों से मिले बिना भी
कॉल करना भी मैने छोड़ दिया हो
अगर कई रोज से कुछ भी पता किये बिन
तुमसे दूर होता चला गया हूँ
समझ लेना.... कहीं गुम हो गया हूँ
कहीं गुम हो गया हूँ

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13 NOV 2022 AT 22:49

As a general rule of thumb, a person can survive without water for about 3 days. However, some factors, such as how much water an individual body needs, and how it uses water, can affect this. Factors that may change how much water a person needs include: age.

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13 AUG 2022 AT 0:35

एतबार हर किस्से पर हम यूँ ही कर लेते हैं
ना समझ हैं तभी तो हम कुछ भी कह लेते हैं

सोच कर रिश्ते बुनना हमें थोड़ा कम सा आता है
पर जिसको भी माना अपना उसके लिए खजाना हैं
हम उसके लिए खजाना हैं

-ऋषभ कुमार

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31 MAR 2022 AT 21:54

जिन्दगी आसान हो जाती है
जब ये एहसास होता है कि आपको जरूरत तो किसी की नहीं
पर वो एक ही काफी है जो आपका इस दुनिया पर विश्वास
दोबारा ला सके

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