हमारी दोस्ती कोई महोताज नहीआज के दौर की दोस्ती की तरह बेकार नहीं है ।जाना है पहले हमने एक दूसरे के साथ कोअभी तक न दूसरे को समझने पड़े इतने बेकार नहीं है। जानते हम थोड़े दुर है एक दूसरे सेपर दिल हमारे आज भी एक ही चल रहे है । -
हमारी दोस्ती कोई महोताज नहीआज के दौर की दोस्ती की तरह बेकार नहीं है ।जाना है पहले हमने एक दूसरे के साथ कोअभी तक न दूसरे को समझने पड़े इतने बेकार नहीं है। जानते हम थोड़े दुर है एक दूसरे सेपर दिल हमारे आज भी एक ही चल रहे है ।
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धूप का सफरलोग हुए बे साहरेचल रहे है,फुटपाथ परगंगा के किनारे -
धूप का सफरलोग हुए बे साहरेचल रहे है,फुटपाथ परगंगा के किनारे
तो बिगर नहाने वाली भी प्यारी लगती है । — % & -
तो बिगर नहाने वाली भी प्यारी लगती है । — % &
झूठ बोलने पर तकलीफ खुद को होती हैं।— % & -
झूठ बोलने पर तकलीफ खुद को होती हैं।— % &
तुम जो गुस्सा हो कर बैठी हो नामुझे बिलकुल भी अच्छा नहीं लगता ।— % & -
तुम जो गुस्सा हो कर बैठी हो नामुझे बिलकुल भी अच्छा नहीं लगता ।— % &
Tumhari yaad jane ka naam nhi le rehi -
Tumhari yaad jane ka naam nhi le rehi
जो दिल के करीब होते हैअक्सर उनके शहर बहुत दूर होते है...! -
जो दिल के करीब होते हैअक्सर उनके शहर बहुत दूर होते है...!
फिर मेरा ठीक होने को दिल ही नहीं किया,उसने मुझसे कहा थामैं रोज़ हाल पुछूंगी । -
फिर मेरा ठीक होने को दिल ही नहीं किया,उसने मुझसे कहा थामैं रोज़ हाल पुछूंगी ।
तुम देख मेरे आंसुओं ना रहे पाऊंगी मेरे हाथ की हथेली के छाले से ही डर जाओगे मैंने सीखा है पत्थर को उपजयु बनानापर नही आता तुम जैसे पत्थर को पिगलाना -
तुम देख मेरे आंसुओं ना रहे पाऊंगी मेरे हाथ की हथेली के छाले से ही डर जाओगे मैंने सीखा है पत्थर को उपजयु बनानापर नही आता तुम जैसे पत्थर को पिगलाना
कोई अपना था, अब पता नहीं कहां गया , दोस्त बोलकर फिर बीच राह में छोड़ गया । कर सकता था दूसरे नंबर से बात , जब उसने मुझे ब्लॉक किया । फिर सोचा क्यों करू तंग बिना बात उसे , क्या पता किस मजबूरी में, वो मुंह मुझसे मोड़ गया। -
कोई अपना था, अब पता नहीं कहां गया , दोस्त बोलकर फिर बीच राह में छोड़ गया । कर सकता था दूसरे नंबर से बात , जब उसने मुझे ब्लॉक किया । फिर सोचा क्यों करू तंग बिना बात उसे , क्या पता किस मजबूरी में, वो मुंह मुझसे मोड़ गया।