हर मुलाक़ात के अंत में कुछ ऐसा एहसास होता है कि जैसे स्कूल जाता बच्चा माँ-बाप को देखकर रोता है -
हर मुलाक़ात के अंत में कुछ ऐसा एहसास होता है कि जैसे स्कूल जाता बच्चा माँ-बाप को देखकर रोता है
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खुद को सुखाकर सबको हरा किया हथियार गिराकर खुद को हरा दिया अपना घर जलाकर मोहल्ले में की रोशनी और तुम कह रहे हो हमने क्या सही किया -
खुद को सुखाकर सबको हरा किया हथियार गिराकर खुद को हरा दिया अपना घर जलाकर मोहल्ले में की रोशनी और तुम कह रहे हो हमने क्या सही किया
ये जो तुम आँखों से ठगते हो मोहब्बत में बहुत अनुभवी लगते हो -
ये जो तुम आँखों से ठगते हो मोहब्बत में बहुत अनुभवी लगते हो
मैं दुआओं से ज्यादा कर्मों से आस रखता हूँमैं सलाहों से ज़्यादा ठोकरों में विश्वास रखता हूँ -
मैं दुआओं से ज्यादा कर्मों से आस रखता हूँमैं सलाहों से ज़्यादा ठोकरों में विश्वास रखता हूँ
सस्ता हूँ मैं सबसे सस्ता बिकता हूँतभी तो सबको आसानी से दिखता हूँमेरे "शेर" का कारण मीठा होने कास्याही की जगह खून से मैं सब लिखता हूँ । -
सस्ता हूँ मैं सबसे सस्ता बिकता हूँतभी तो सबको आसानी से दिखता हूँमेरे "शेर" का कारण मीठा होने कास्याही की जगह खून से मैं सब लिखता हूँ ।
मैं क़यामत के वक्त तक़दीर लिए बैठा थाबरसों से किसी की हीर लिए बैठा थाउससे मोहब्बत में खाई गयी कसमों के कारणमैं मयखाने में भी दोस्तों नीर लिए बैठा था -
मैं क़यामत के वक्त तक़दीर लिए बैठा थाबरसों से किसी की हीर लिए बैठा थाउससे मोहब्बत में खाई गयी कसमों के कारणमैं मयखाने में भी दोस्तों नीर लिए बैठा था
हमारी ख़्वाहिशों से खुशियां कोई हर जाता हैहम जो शौक रखते हैं वो शौक मर जाता है -
हमारी ख़्वाहिशों से खुशियां कोई हर जाता हैहम जो शौक रखते हैं वो शौक मर जाता है
गाड़ी छोड़ स्कूल से कॉलेज वो जाने लगी है दुपट्टा सिर पर अपने चढ़ाने लगी हैजिसके काजल से मरते हैं सैकड़ो यहाँवो यारों इन दिनों बिंदी भी लगाने लगी है -
गाड़ी छोड़ स्कूल से कॉलेज वो जाने लगी है दुपट्टा सिर पर अपने चढ़ाने लगी हैजिसके काजल से मरते हैं सैकड़ो यहाँवो यारों इन दिनों बिंदी भी लगाने लगी है
मरम्मत हम अपनी ज़ीस्त कर रहे हैं लोन पर मिली है हमें ये ज़िंदगी "तिवारी" और पेट को हम इसकी क़िस्त भर रहे हैं -
मरम्मत हम अपनी ज़ीस्त कर रहे हैं लोन पर मिली है हमें ये ज़िंदगी "तिवारी" और पेट को हम इसकी क़िस्त भर रहे हैं
तू जो उर्दू में मुझसे बोलती है तुझपर हम शायरी हिंदी बनाते सुना सजना-संवरना तुझको बेहद पसंद है तेरे ख़ातिर हम अपने हाथों बिंदी बनाते -
तू जो उर्दू में मुझसे बोलती है तुझपर हम शायरी हिंदी बनाते सुना सजना-संवरना तुझको बेहद पसंद है तेरे ख़ातिर हम अपने हाथों बिंदी बनाते