ज्ञान घटे नरमूढ के संगत,
ध्यान घटे चित्त विषय भरमायो।
तेज घटे पर नारी के संगत,
बुद्धि कटे बहुभोजन खायो।
प्रेम गटे नित ही कुछ मांगत,
मान घटे नित पर घर जायो।
कहे प्रकाश सुनो मन मूरख,
पाप गटे हरि के गुण गायो।।-
30 MAR 2019 AT 12:57
ज्ञान घटे नरमूढ के संगत,
ध्यान घटे चित्त विषय भरमायो।
तेज घटे पर नारी के संगत,
बुद्धि कटे बहुभोजन खायो।
प्रेम गटे नित ही कुछ मांगत,
मान घटे नित पर घर जायो।
कहे प्रकाश सुनो मन मूरख,
पाप गटे हरि के गुण गायो।।-