23 FEB 2019 AT 14:22

मुहब्बत तब भी थी, अब भी है!
मगर अब वो मौसम नहीं होते,
मैं तुझसे हाले दिल कह दूँ,
मगर क्या करें?
कभी तुम नहीं होते,
तो कभी हम नहीं होते!

- #ranjansinghpoetry