21 OCT 2018 AT 16:44

कुछ रास्तों के आगे मंज़िलें लिखी हैं!
कुछ ख्वाहिशों में भी हक़ीक़तें मिली हैं!
क्यों हार जाएँ खुदसे जब जीत भी मिली है!
क्यों न जिए इसको जो ये ज़िन्दगी मिली है!

- #ranjansinghpoetry