कुछ रास्तों के आगे मंज़िलें लिखी हैं!कुछ ख्वाहिशों में भी हक़ीक़तें मिली हैं!क्यों हार जाएँ खुदसे जब जीत भी मिली है!क्यों न जिए इसको जो ये ज़िन्दगी मिली है! - #ranjansinghpoetry
कुछ रास्तों के आगे मंज़िलें लिखी हैं!कुछ ख्वाहिशों में भी हक़ीक़तें मिली हैं!क्यों हार जाएँ खुदसे जब जीत भी मिली है!क्यों न जिए इसको जो ये ज़िन्दगी मिली है!
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