रूह प्यासी थी जिस्म बेहाल था तुझसे न मिली थी तब ये हाल था ।गुज़री जिंदगी दिलकश मंजर से मौला तेरे दीदार हुए वो आलम कमाल था । #राखी - #राखी
रूह प्यासी थी जिस्म बेहाल था तुझसे न मिली थी तब ये हाल था ।गुज़री जिंदगी दिलकश मंजर से मौला तेरे दीदार हुए वो आलम कमाल था । #राखी
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