अभी तुमको मेरी जरूरत नहीं
बहुत चाहने वाले मिल जाएंगे
अभी रूप का एक सागर हो तुम
कवल जितने चाहोगी खिल जाएंगे
दर्पण तुम्हें जब डराने लगे,
जवानी भी दामन छुड़ाने लगे।
तब तुम मेरे पास आना प्रिए
मेरा दर खुला है . . . . . . .।
खुला ही रहेगा तुम्हारे लिए
तुम्हारे लिए . . . . . . . . .
lyrics by Sir Indeever.- rAj
22 SEP 2019 AT 20:52