अनुज बधू, भगिनी सुत नारी। सुनु सठ कन्या सम ए चारी।।
इन्हहिं कुदृष्टि विलोकई जोई। ताहि बधे कछु पाप न होई।।
🙏छोटे भाई की पत्नी, बहिन, पुत्र की पत्नी कन्या के समान होती हैं। इन्हें कुदृष्टि से देखने वाले का वध कर देना कतई पाप नहीं है।
🙏 🌷 जय महादेव 🌷🙏
- Raj..!! ✍️
30 JAN 2019 AT 1:25