9 DEC 2019 AT 13:09

इज्जते शोहरतें चाहते उल्फ़ते कोई
भी चीज़ दुनियां में रहती नहीं
आज मैं हूँ जहाँ कई कल और था
ये भी एक दौर है वो भी एक दौर था

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