"Someone was sure, I wasn't,
Acceptance is hard till you live in denial,
Finally I accepted what I should have long back,
We were always separated, but I kept holding it tight."
With those words the blooded knife fell off his hand,
"No more noise, no more pain", he murmured to himself as he caressed her head.-
वो बोली बड़ी भागन हूँ मैं जो नाथ मेरे हैं मोहन ,
श्यामा श्यामा कहके मुझे जगत पुकारे ये सब सिर्फ तुझसे है मोहन ,
इसमे क्या है दोष मेरा जो प्रीत तुमसे लागि केशव ,
सारा जग छूटा, सारे बंधन टूटे, मैं बस तुझसे जुडी मेरे राघव ,
कभी नैनं में तुम, कभी सुबह के उज्यारे में तुम, तो कभी रात के अंधकार में तुम ,
क्या ऐसा ही प्रेम तुम्हारा, हर वृक्ष में तुम, हर जीव में तुम, इस जीवन की हर बात में तुम,
जो जीभहा पर नाम आया वो भी तुम्हारा, जो मन में आया उसमे भी बस ध्यान तुम्हारा,
इस बंधन का क्या मोल मैं समझूँ, दो आंसूं जो नैनं में थामे,
या वो दो पल तुम्हारे दर्शन के जो मेरे मन में साजे,
कहती सखी सब मेरी, जीवन मेरा सिर्फ तुम्हारा, प्रीत मेरी श्याम, नाम भी मेरा अब श्यामा,
बोलो मेरे केशव क्या यही है बस हमारा नाता ,
जगत को तुम राधा श्याम लगो, फिर भी जीवन मेरा आधा ,
ये न कहना जगत की रीत यही है ,
मिलन अपना बस यही है ,
अगर मोल केवल यही है तो क्यों है ये बंधन ,
रहने दो सिर्फ राधा मुझे, दूर रहों मुझसे हे मोहन ,
ये न होगा तुमसे ये जानती हूँ ,
जो कहते हो प्रेम है, तो नैनं मेरे, सिर्फ मेरे रहो ,
न राधा श्याम बिना हो, न श्याम अधूरा हो, न श्याम अधूरा हो ।-
It's an imperfect world, yet we all want to be the perfect one,
We hate to lose, still not every fight is ever won,
Competition starts from the word go,
Whether it's going to be a boy or a girl, how can the child know,
The moment he crawls they expect him to run,
With his first words they expect him to tell everything he knows,
It's a strange world, they want you to stop early,
You can run but not faster than them,
You can talk about everything but not what you want,
You have choices but only the one they like,
Your journey is surely yours, but only till the time you walk their route,
It's not painful after all it's a slow death,
Your dreams are forgotten and questions no one dared to answer are all dead,
You can choose to be a rebel, but against whom,
People are all yours, decided by no one but God,
Does it hurt, yes, maybe, but the fight is always on,
You can either be your own Gladiator or die as no one.-
उसने ऑंखें बंद की और वो मुस्कुरा के चली गयी , बारिश में वो अक्सर बहार चली जाती थी, कुछ देर उसकी बूंदों में खेलती फिर अपने मिटटी से लिपटे पैरों के निशाँ घर में ले आती, वो भीनी भीनी खुशबु बोहोत देर तक सारे घर में रहती, फिर वो कहती बाबा ये बारिश हर रोज़ क्यों नहीं आती है, देखो मुझे कितना मज़ा आता है उसके पानी में खेलने में, पेड़ पे बैठा वो तोता भी देखो कैसे अपने आँगन में छिप गया है और वो बादल देखो कैसे दूसरे बादल से तेज़ चल रहा है मानो कह रहा हो पहले वो आएगा मेरे पास, पर बाबा अगर मैं कल बड़ी हो गयी तो क्या खेल सकुंगी इनके साथ, ये ये तो न कहेंगे मुझसे अब मेरी बारी ख़तम, बोलो बोलो, और ये कह वो फिर भाग जाती, मैं चुप चाप उसे खेलते हुए देखता और उसके मिटटी के बने पैरों के निशान से खुद के पैरों को मिलाता, मेरी बच्ची बड़ी हो रही है ।
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पाप और पुण्य के इस मझधार में ,
वक़्त के बदलते इस अहंकार में ,
पूछते हैं वो मुझसे क्या ये सतयुग का अंत है ,
या कलयुग का आरम्भ है ,
आज के इस युद्ध में क्या सिर्फ राम ही सत्य है ,
या रावण का भी अस्तित्व है ,
यहाँ राम में भी खोट है जो सत्य की खोज में जानकी को हार गया ,
यहाँ रावण भी पूज्य है जिसने शिव को अपना बना लिया ,
कोई कहता है ये न अंत है न आरम्भ है ,
जहाँ किसीका अस्तित्व ही नहीं वो कैसा समाज है ,
यहाँ रावण में भी राम है और राम रूपी रावण भी है ,
कौन सत्य है कौन पाप के साथ है ,
वक़्त के इस सवाल में यहाँ सभी एक समान हैं ,
इस युग का दशानन भी मैं ही हूँ , राम भी ,
जो सत्य को असत्य कह गया उस पाप का भागिदार भी ,
यहाँ अंत का अंत नहीं , आरम्भ की कोई शुरुवात नहीं ,
जो हार के खुद को जीत गया इस युग का है राम वही ।-
आज फिर तुम एक ख्याल बनी , आज फिर मैंने एक ख्वाब बुना ,
आज फिर हम रूबरू हुए , आज फिर हम एक दास्ताँ में सिमट गए ।-
कभी कभी बोहोत गुस्सा आता है किसी पे ,
पर उससे ज्यादा गुस्सा खुद पे आता है ,
सोचता हूँ काश मैं भी उन जैसा होता ,
महसूस करा पता उनको वो सब जो मैं महसूस करता हूँ इस घुटन में ,
इस हर पल के नाटक को ख़तम कर पता ,
जो किस तरह धीरे धीरे मुझे खोकला कर रहा है , काश कह पता बस बोहोत हुआ ,
काश मैं कह पता खुद को अब और नहीं ,
अब और नहीं ।-
एक समय के बाद आपके व्यक्तित्व में बदलाव आने लगता है , आपको पता ही नहीं चलता कब आपके शब्दों में एक कटाक्ष का सवर , आपकी भावनाओ में एक कड़वापन घुल जाता है ,
आपके अंदर का गुस्सा मानो कहना चाहता हो इस कैद से मुझे निकालो और कह लेने दो वो सब जो मुझे मार रहा है , मैं जीना चाहता हूँ अपने एहसासों को खुलकर , मैं मिलना चाहता अपने लम्हों से बिना किसी रोक के ,
मैं क्यों किसी के आगे झुकता हूँ सिर्फ इसलिए की उसने कुछ मेरा सम्भाला हुआ है , और मैं क्यों खुद को हर पल रोकता हूँ ये कहने से की बस अब बोहोत हुआ , इस सफर का अंत ज़रूरी है ,
समय का आभाव इधर भी है उधर भी है फिर क्यों वक़्त मैं ही सम्भालूं वो नहीं , क्यों मैं ही हर बार कोशिश करूँ वो नहीं , क्यों मैं ही कहूं चलो भूल जाते हैं कल की बात को , इन जज़्बातों का निकलना ज़रुरी, इस कहानी का आरम्भ जैसा भी हो पर अब इस रात के सवेरे का आना ज़रूरी है ।-
Broken State
Between the cry of the crowd and screams that were getting loud,
There was no outsider, they were neither one of us,
But in the name of one among us, they killed many who were like us,
The chants of, 'rape her, torture her', were loud,
Yes, I was scared, not just for me, but for my state that was now broken,
Houses were burnt, and people were killed, they said it was for justice,
Justice, I smile, I feel puzzled, I mean is it, really,
In this question of nationalists against infiltrators, who is right and who is wrong, I don't know,
But as the blood flows through the streets, they smile,
They smile looking into our eyes, as we stand helpless, wishing for the nightmare to end,
Politicians, all come and go, commending the death of our torched houses and scorched dreams,
And amidst all that, here stood I, witnessing the fall of every life, one more time.-
Without saying a word he closed his eyes,
Pain was visible on his face, he wanted to scream n cry,
But for one last time he stood up again,
In one moment he realised it's his battle not of the crowd,
With his fist tighten up again, he was ready for another shot of life,
Another punch, he was on his knees, blooded nose and he knew it's his end,
But before his last good bye he told himself with smile,
"Warriors never leave the battlefield with teary eyes so boy smile for life."-