जो कि शायर नें मोहब्बत तो वो अपनी शायरी भुलता गया ,
जीतें जी चलतीं रही साँसें पर ,वो अन्दर ही अन्दर मरता गया,
और अन्जाम पता था उसको अपनी मोहब्बत का फिर भी वो
उस नासमझ लड़की से इश्क़ करता गया………-
आसमाँ में रह कर ज़मीन की तलाश कौन करेगा ,
बेफ़िक्र सा रहने वाला लड़का भला तुमसे प्यार क्यों करेगा,
और तुम यूँ ही उसे अपने हुस्न-ऐ जाल में फँसा रही हो’
अरे वो तो आवारा पंछी है दाना चुंगते निकल लेगा ।-
मैं तुमसे मोहब्बत करु ये मेरे खुदा को मंज़ूर है
लेकिन
तुम्हें मेरी क़िस्मत में ना लिखना ये उसकी पहली शर्त हैं-
तेरी सादगी का रुख़ जो किया ,
तो तेरे चेहरे पर ध्यान किसने दिया ?
फ़क़त में अकेला ही नहीं जो तुझ पर मर मिटा
जब देखा उस ख़ुदा ने तुझे तो उसने भी तुझसे इश्क़ किया…..-
इज़हार अब किसी से किया नहीं जाता
टूटें दिल को फिर से जोड़ा नहीं जाता ,
और कहने को तो सभी कह देते हैं फिर
से कर ले मोहब्बत पर सच कहूँ ये
ज़हर का जाम मुझसे दोबारा पिया नहीं जाता ,,-
अब दिल किसी से लगाना नहीं
किसी को अपना बनाना नहीं,
ज़ख़्म पुराने ही अभी ताजें है
अब फिर से नये ज़ख़्म बनाना नहीं-
चाँद पर घनें बादल उसकी शोभा बढ़ा रहे हैं
ये में नहीं कहता ना मेरे दिल के अल्फ़ाज़ कहते है
ये तो हेमड़ा वाले लड़के है जो आपको आसमाँ से उतरीं हुईं परी बता रहे ….-
ना हमने किसी से मोहब्बत की
ना हमसे किसी को मोहब्बत हुई,
शिकार थे कुछ ग़लतफ़हमियों के
हमसे वहीं ग़लतफ़हमीया बहुत हुई,,-
चाँद 🌝 की चाहत में
सुरज 🌞से दुश्मनी कर बेठें ,
और जिनको हम से ही नहीं है मोहब्बत ❤️
हम उसी से इश्क़ कर बेठें💔-
तुमसे नहीं होता प्यार तो छोड़ो रहने दो,
इसमें तुम्हारा कुछ नहीं जायेगा, लेकिन
तुम्हारे पल दो पल के मज़ाक़ में उस गरीब का
मोहब्बत से भरोसा तक उठ जायेगा,,-