जो राधा ने कृष्ण से किया थाबिना किसी शर्तों परन कोई उम्र की सीमा थीन कोई रंग भेदन कोई तकरार रुप सौंदर्य कीवहीं तो था सच्चे प्रेम का तकाजा -
जो राधा ने कृष्ण से किया थाबिना किसी शर्तों परन कोई उम्र की सीमा थीन कोई रंग भेदन कोई तकरार रुप सौंदर्य कीवहीं तो था सच्चे प्रेम का तकाजा
-
एक अनोखा रिश्ताकभी कभी लडाई भी करते हैकभी कभी रुठ भी लेते हैंफिर भी रिश्तों में मिठास बनाए रखते हैआपस में मन की बात बाँट लेते हैंहँसी-मजाक भी कर लेते हैंयह जो हैं अटूट रिश्ताजो न कभी गलतफहमी की वजह से टूटेगान तो कभी दूर होगा -
एक अनोखा रिश्ताकभी कभी लडाई भी करते हैकभी कभी रुठ भी लेते हैंफिर भी रिश्तों में मिठास बनाए रखते हैआपस में मन की बात बाँट लेते हैंहँसी-मजाक भी कर लेते हैंयह जो हैं अटूट रिश्ताजो न कभी गलतफहमी की वजह से टूटेगान तो कभी दूर होगा
है तो मेरे पासपर न तो ताला तुमनें लगायाअपने दिल कोन हमें कभी जरूरत पडीउस चाबी की -
है तो मेरे पासपर न तो ताला तुमनें लगायाअपने दिल कोन हमें कभी जरूरत पडीउस चाबी की
इन उठती हुई ऊँगलियों नेपरेशान-सा कर रखा हैंवह तो न समझती हैंदर्द किसी का -
इन उठती हुई ऊँगलियों नेपरेशान-सा कर रखा हैंवह तो न समझती हैंदर्द किसी का
जैसे पूनम का चाँद होजैसे अपने इस तेज रोशनी मेंअपना कोई दुख छिपा रहा हो -
जैसे पूनम का चाँद होजैसे अपने इस तेज रोशनी मेंअपना कोई दुख छिपा रहा हो
वहीं जानता है जिसे इसकी कद्र होती हैं -
वहीं जानता है जिसे इसकी कद्र होती हैं
यही भरोसा था मुझे यकीन था कि मेरे अपने संग हैं मेरेपर अपनों ने ही दिखा दिएअसली दाँत अपनेउतार दिया अपना मुखौटाजो उन्होंने पहना था अच्छाई का -
यही भरोसा था मुझे यकीन था कि मेरे अपने संग हैं मेरेपर अपनों ने ही दिखा दिएअसली दाँत अपनेउतार दिया अपना मुखौटाजो उन्होंने पहना था अच्छाई का
टूटे पत्ते के समान हैंपके पर्ण के समान हैंजो भी चाहे पाँवों से ठुकरा सकता हैसपनों पर नमक छिडक सकता हैं -
टूटे पत्ते के समान हैंपके पर्ण के समान हैंजो भी चाहे पाँवों से ठुकरा सकता हैसपनों पर नमक छिडक सकता हैं
जिम्मेदारियाँ निभाने के बाद भीलोगों के ताने सुननाउनके गीले - शिकवे दूर करनाअपनी सेहत पर असर करवाना -
जिम्मेदारियाँ निभाने के बाद भीलोगों के ताने सुननाउनके गीले - शिकवे दूर करनाअपनी सेहत पर असर करवाना
जिंदगी में कुछ कर दिखाऊ -
जिंदगी में कुछ कर दिखाऊ