जिसके होने से किसी को,कोई फर्क ना पड़ा
आज उसके ना होने से,सब अफ़सोस जता रहे हैं
देख!आज उसे सब अपने काँधे पे लिए जा रहे हैं...
जिसकी दहलीज़ पे आना,किसी को गवारा ना था
आज उसके घर की ओर,सब झुंड बनाये जा रहे हैं
देख!आज उसे सब अपने काँधे पे लिए जा रहे हैं...
जिसकी ओर देखते हीं,मुँह फेरा करते थें लोग
आज उसी की ओर देख,अपने अश्क़ बहाये जा रहे हैं
देख!आज उसे सब अपने काँधे पे लिए जा रहे हैं...
जब तक सांसे चली,कोई अपना भी क़रीब ना था
अब साँसों की डोर टूटते हीं,
पराये भी उसे अपने सीने से लगाए जा रहे हैं
देख!आज उसे सब अपने काँधे पे लिए जा रहे हैं...
आज उसे सब अपने काँधे पे लिए जा रहे हैं...
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