क्या गुज़रा होगा उस दिल पे साहब,जब दो जून की रोटी वो ना कमा पाया होगा ,और अपनी इस बेबसी में अपने, जिगर का टुकड़ा गँवाया होगा!! - Priya Mishra
क्या गुज़रा होगा उस दिल पे साहब,जब दो जून की रोटी वो ना कमा पाया होगा ,और अपनी इस बेबसी में अपने, जिगर का टुकड़ा गँवाया होगा!!
- Priya Mishra