ये इश्क़ नहीं हैं, इसे लत कहते हैं...
हर एक को चखने की, तुम्हे आदत जो लगी हैं-
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Dil Ko Aaram De ❤
Delhi 😎🔥
Black Lover🖤
Co... read more
नहीं लगे जो मन कभी तो मन को गाली दे दो,
टेढ़ी मेढ़ी किस्मत साली, किस्मत को गाली दे दो,
चिंता सारी परे हो जाती, एक बार गाली देने से,
गाली में अलग हैं मजेदारी, जब मन हो गाली दे दी,
मार पीट से खून खराबा बढ़ता है ए दोस्त,
मैं कहता हूं दूर दूर से, दुश्मन को गाली दे दो,
सच्ची, पुरानी दोस्ती का ये ही एक गहरा राज़ हैं,
2 गाली दो दोस्तो को, 2 खुद को गाली दे दो-
चल रहे हैं मजबूरी में थके - हारे लोग,
कहीं पे ठुकराए कहीं दिल के हारे लोग,
हर कोई मोहब्बत के स्टेशन पे खड़ा है,
कहां जा रहे हैं आखिर इतने सारे लोग,
सच कहूं तो वो ज़्यादा खतरनाक होते हैं,
जो लगते हैं हम को बड़े बेचारे लोग,
आज कल जो ज़माने में चल रहा हैं “Jinoy”
इस हिसाब से हम हैं कितने भोले-भाले लोग-
आप क्यूं सोचते हैं की लोग क्या सोचते हैं,
लोग कब किसी का भला सोचते हैं,
अच्छा करते हैं की बदले में अच्छा मिलेगा,
हम बड़ा सोचके भी कितना ज़रा सोचते हैं,
मुझे डर हैं समझदारों से, पागलों से नहीं,
दिमाग वाले लोग, दिल से कहां सोचते हैं,
बड़ा सोचते हैं एक दूजे को नए रिश्ते में,
और फिर दूर जाने की वजह सोचते हैं-
यूंही थोड़ी जिंदगी बेहाल करती है,
आंखे हैं आंखे जो बवाल करती हैं,
एक - दो बार जो झूठ पकड़ा गया,
अब वो कुछ ज़्यादा ही सवाल करती हैं,
मुझे नहीं लगता लड़कियां कुछ करती हैं,
पर करती हैं कुछ तो कमाल करती हैं,
मैं किसी से बात करूं तो वो उसके सामने,
आ कर जानबूझ के “जान - जान” करती हैं-
कोई मजबूरी में ही तेरे पास से, आना चाहेगा,
कौन तेरी जुल्फों की छाव से, जाना चाहेगा,
नहीं यकीन जिसे किस्मत पर, वो भी तुझे देख के,
एक बार तो अपनी किस्मत आज़माना चाहेगा,
जिस अंदाज़ से ज़िद करता है तू, क्या कहूं,
मुझ जैसा शक्स भी तेरे नखरे उठाना चाहेगा,
मैं देर से पहुंचा तो भी सीट तेरे साथ मिली,
मुझे डर था जाने किसको तू साथ बैठाना चाहेगा-
झूठ कहते हैं या सच बताते हैं,
आप बड़े शौक से नज़र मिलाते हैं,
इसका मतलब ये नहीं की आप बक्शे जायेंगे,
जो करके गुनाह दुआ में हाथ उठाते हैं,
तुझे डर हैं मैं छोड़ दूंगा मगर पागल लड़की,
लोग अपना घर छोड़ के कहा जाते है,
दिल से दिल मिलाते होंगे आपके यार-दोस्त,
मेरे दोस्त मुझसे बस हाथ मिलाते हैं-
ये किससे तेरी दिलदारी है, हाय तौबा
जिस शक्स की सबसे यारी है, हाय तौबा,
वो अब किसी की बात में फसेगी नही,
मैंने सिखाई मक्कारी है, हाय तौबा
मां बाप ने उठाए रखी औलादे सर पर,
औलाद सारा घर सर उठारी है, हाय तौबा
सोचो जिसने खिलौने नही, झूठे ग्लास उठाए हो,
उसके कंधे कितने भारी है, हाय तौबा,
गिर कर उठने वालो, और गिराने वालों सुनो,
आती सबकी बारी है, हाय तौबा-
एक दो बार से क्या होगा,
रोज़ थोड़ा थोड़ा भूलना होगा,
खुद में कमियां क्यू ढूंढते हो,
उसने, कुछ तो खास रखा होगा,
नही पता जिन्हे अपने कल का पता,
मिलना, तुम्हारा मुस्तकबिल पता होगा,
मैंने हेलो कहा और कॉल कट गया,
आवाज़ सुनने जितना बैलेंस बचा होगा-
ले कर वो कैसे मज़ा देखते है
हाथो को चूम के निशा देखते है,
जिधर देखते है सब, उधर देखते नही,
हम बचपन से सबसे जुदा देखते है,
दुपट्टा गिराओ नही, पहने रखो इसे,
हम जिस्म नही देखते, अदा देखते है,
सदियों से ज़माने को बरबाद कर आया,
पर रोज़ कुछ नए लोग नशा देखते है-