2 FEB 2019 AT 18:33

कहतें हैं, जिस थाली में खाते हैं
उस में छेद नहीं करते,
और तुम मुझ में ही वस कर
मुझे किए तबाह जा रहे हो॥
मेरे दिल को बना कर अपना घर
कही अलविदा जा रहे हो॥
वफाई चाहते हो हमसे और
हमें ही दिए दगा जा रहे हो॥
तेरे बिन जी नहीं होगा हमसे
और तुम मुझे तुम बिन जीने की
दिए सजा जा रहे हो॥

- PRIT