लहज़े बयां कर देते हैं लोगो के
परवरिश हुई हैं या पाले गए है....-
RJ27 UDAIPUR (RAJASTHAN)
अपनी हालात का खुद पता नहीं हैं मुझको
औरों से सुना हैं की परेशान हूँ मैं-
यहाँ नींद की एक झपकी ना आयी रात भर
और उसके ख़्वाब मैं बारात की तैयारी थी-
લખું છું રાધા માટે અને મીરા ને ગમી જાયે છે
મન ને ગમે છે રાધા અને મળી જાયે છે રુક્મણી-
देख लेता हूँ तेरी तस्वीर जब भी परेशान होता हूं..
मानो महज तस्वीर से ही तुम मेरे दर्द खींच लेते हो-
ये जो में होश मैं रहता नहीं तुमसे मिलकर
ये मेरा इश्क़ हैं तुम इसको नशा मत समजो-
हमारा मसला ये है की शाम होते ही हम खुद से
थोड़ा फरार चाहते हैं...
बिछड़ने वाले हमनें तुझसें पहले ही बताया था
हम किसी भी शक़्स को एक बार ही चाहते हैं-
जिन अंगों को देखकर तू हैवान बन जाता हैं, मत
भूल एक से तू आता हैं, दूसरे से पाला जाता हैं-
बिना जिस्म को छुए, जो रूह से चिपक जाये
वो भूत होता हैं, हर चीज़ इश्क़ नहीं होती-