Bhut si baatein tumhe batani baaki h.
Ye to ek h abhi to hazaron baaki hain.-
Class chalta hai online, offline to bs padhai hoti hai.
Kbhi is room kbhi us room yha to bs ghumai hoti hai.
Yha Mute aur unmute mein sacred ladai hoti hai.
Sir ke har question ka jawab , sbke paas hota hai, "bad network sir".
Camera pe chipka paper hota , aur upar chaddar ya rajaai hoti hai.
Assignment ki fikra nhi ,kynki group mein sb btaye hote hai.
Bs viva se dar lgta hai , jha 4 teacher aur hm akele hote hai.
Exam ka koi tension nhi kynki google mein sb diya hi hota hai.
Phir bhi college ki bhut yaad aati hai,jha offline padhai hoti hai.-
ज़िन्दगी के आख़िरी पन्ने पर तेरा नाम लिख दूँगा,
तुम मेरे हो मैं तुम्हारा ,
जाते जाते ये एक पैग़ाम लिख दूंगा।
तुम साथ थे तो साँस थी,
अब अपनी ज़िंदगी तेरे नाम लिख दूंगा।
ये जो मेरे लब्ज़ हैं,वो कल न होंगे।
क्योंकि ये आख़िरी लब्ज़ भी तेरे नाम लिख दूंगा-
वो आशुएँ जो आँख से तेरे छलक के आ गिरी ,
समझो की मेरी जान जो मेरे हलक में आ गयी।-
वो समझते थे की हम उनके जाने से टूट जाएंगे,
उनको क्या बताऊँ की मैं पहले से ही चूर हो चुका हूँ।
वो सझते थे कि उनके जाने से मेरी आँखें नम होंगी,
पर उनको क्या पता कि हमारी आंखें पहले से ही नीली हो गयी हैं।
वो समझते थे कि वो जाएँगी तो मैं उनके पीछे आऊंगा,
उन्हें क्या पता कि किसको मैंने खोया है और मैं कुच्छ कर नही पाया।
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एक दिन हा फिर से मुलाक़ात होगी,
तारों की सईया वही पास होगी।
ना तुम कुच्छ कहोगे ना हम कुच्छ कहेंगे,
आंखों ही आंखों से बस बात होगी।
जो तेरी उन आंखों से आँशु गिरेंगे,
तब आँशुओं की वहां बरसात होगी।
ना सांसे चलेंगी ना मरना पड़ेगा,
वहा ना दिन होगा ना रात होगी।
मैं तेरे और तू मेरे साथ होगी,
एक दिन हा फिर से मुलाक़ात होगी।।-
ऐ कवि तू क्या अनोखा गीत गाता है,
है हँसाता फिर हमें तू क्यों रुलाता हैं।
इन क़ीमती आँशुओं को क्यों गिराता हैं।
इन हज़ारों दिलजलों को क्यों सताता हैं।
क्यों यहा पर तु अपना दर्द गाता है।
फ़र्क पड़ता है नहीं फिर भी तू गाता है।
ऐ कवि तू क्या अनोखा गीत गाता है।।-