मिलेंगे तुझे राम और रावण
हर मोड़ पर हर मंज़िल में
रावण को नज़रों में रख,
और राम को अपने दिल में-
Prashant V Shrivastava ( मुसाफ़िर )
(Prashant V Shrivastava (मुसाफ़िर ))
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Author, poet, writer, blogger, and lyricist
Joined 1 December 2018
12 OCT 2024 AT 9:36
10 MAR 2024 AT 15:59
मै बस आँखों में छुपा के
तेरी आरज़ू रखता हूँ
फ़िज़ा पूछती है
मै आँखों में
चाँद क्यूँ रखता हूँ-
2 FEB 2024 AT 21:20
इस पार कुछ ना था, उस पार क्या हुआ
साहिल के प्यार में, मँझधार क्या हुआ
ख़ंजर तो अब भी उसके हाथों में है
फिर मेरे सीने के आर पार क्या हुआ-
31 JAN 2024 AT 21:34
ये जो
बिना बात के, बात-बात पे
ख़फ़ा-ख़फ़ा जो रहते हो
ये अदा तुम्हारी अपनी है
या किसी और से सीखे हो-
30 JAN 2024 AT 14:31
तुमसे रिश्ता क्या,
मुझे तो तुम्हारा नाम भी पता नहीं
मगर अच्छा लगता है
जब तुम बेसबब मेरी तरफ़ देखकर
नज़र झुका के फेर लेती हो-
26 JAN 2024 AT 14:46
ऐ वतन मेरे
तेरे ध्वज तले
राहें मंज़िलें
हम बढ़े चलें
Happy Republic Day!-
21 JAN 2024 AT 17:15
धरा गगन मन हुए प्रफुल्लित,
राम उच्चारे हैं
सरयू तट पर कलियुग में
श्री राम पधारे हैं
जय श्री राम-
8 JAN 2024 AT 11:59
मेरे नाम की भी ज़मीन होती
मेरा भी आसमाँ होता
बशर्ते
मुझे ज़िंदगी ने
जीने के लिये चुना होता-