पर अगर शब्दों में ही ज़ोर न हो तो..।तब कविताओं का कोई मतलब नहीं होता..।। Prashant shukla - 𝖕𝖆𝖗𝖘𝖍𝖚©
पर अगर शब्दों में ही ज़ोर न हो तो..।तब कविताओं का कोई मतलब नहीं होता..।। Prashant shukla
- 𝖕𝖆𝖗𝖘𝖍𝖚©