खालीपन का एहसास तब ज्यादा सताने लगता हैं,
जब सब कुछ हासिल करने पर भी आप अधूरे हों।
जब सुबह से शाम तक आप लोगो के बीच खुश हो,
पर रात होते ही आपके खुदके सवाल आपकी उदासी का कारण बन जाये।
आप सवालो से दूर भाग कर निंद का सहारा लेना चाहते हों,
पर आप ये जानते हों, सवालों के सारे जवाब कही पीछे छोड़ आये हो।
न आपके पास पीछे जाने का रास्ता हो,
और वो सारे जवाब दम तोड़ चुके हो।
बस कुछ सवाल और अधूरे एहसास हो,
और समय की बीत जाने की एक आखरी उम्मीद।
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