ख़ामोश हो जाता हूं अक्सर मैं,तेरे एक ही इशारे पर,क्योंकि ये दिल आज भी,किसी और को अपनाने को राजी नही... - प्रमोद कुमार भंडारी - Bhandari 'ज़ख्मी'
ख़ामोश हो जाता हूं अक्सर मैं,तेरे एक ही इशारे पर,क्योंकि ये दिल आज भी,किसी और को अपनाने को राजी नही... - प्रमोद कुमार भंडारी
- Bhandari 'ज़ख्मी'