कभी धूप तो कभी छांव है
जीवन का यही राग है
एक पल में खुशी दूसरे पल आंसू है
धुंध में खोया जीवन अविराग है
गिरता है संभलता है
खुद को फिर बनाता है
चेहरे की सिकन को छोड़कर आशावान
मुस्कराकर गुनगुनाता आगे बढ़ता जाता है।
- AGHORA
20 JAN 2018 AT 23:28
कभी धूप तो कभी छांव है
जीवन का यही राग है
एक पल में खुशी दूसरे पल आंसू है
धुंध में खोया जीवन अविराग है
गिरता है संभलता है
खुद को फिर बनाता है
चेहरे की सिकन को छोड़कर आशावान
मुस्कराकर गुनगुनाता आगे बढ़ता जाता है।
- AGHORA