Prakash Agrahari  
232 Followers · 239 Following

✒chase dreams not people ❗
Joined 22 March 2018


✒chase dreams not people ❗
Joined 22 March 2018
28 APR 2021 AT 20:24

तमन्ना बस इतनी है मेरी,
मैं इश्क लिखूं और तुम मुस्कुरा के पढ़ो 🤗🧡

-


25 FEB 2021 AT 22:13

रोको ना उड़ान मेरी,
जानकर कमजोर तुम,
प्रेम से तुम जीत लो,
कि मैं खड़ा निशस्त्र हूं।

परिचय रहा हैं शांत मेरा,
स्नेह का प्रतीक हूं,
आक्रमण जो कर रहे तुम,
तो ब्रह्म का ब्रह्मास्त्र हूं।

साहस समेट कर जहाँ का,
कुछ इस तरह एकत्र हूं,
तुम पढ़ो हजार बार,
मैं ऐसा प्रेम–पत्र हूं।

-


22 FEB 2021 AT 1:47

अनजान कई बातों में,
गुमराह अपनी रातों मे,
चेहरे पर ओढ़ कर मासूमियत,
सपने हजार लिए आंखों में,
उसने कहा कि कुछ इस बार,
कुछ लिखूं मैं उसके लिए,
क्या लिखूं जो खुद बंद किताब है सबके लिए!

मायूसियत भरे कमरे की,
मुस्कुराहट वाली खिड़की है वो,
जिसकी कहानी बयां हो ही नहीं सकती,
कुछ ऐसी पागल सी लड़की है वो।

-


17 FEB 2021 AT 20:51

वो दिन खिलेगा, हमे देख मुस्कुराते हुए,
बस यही सोच कुछ और जीने को अड़े हुए हैं।
गहरी उलझन है जब सामने देखते हैं,
कि हम मौत के दरवाजे पर आ खड़े हुए हैं।

गहरा सुकून होगा उस तरफ,
इस बात की रसीद मिलेगी मुझे,
कि द्वरपालो ने वादा किया है मुझसे,
दरवाजे के खुलते ही गहरी नींद मिलेगी मुझे।

-


21 OCT 2020 AT 1:24

उलझ गए हैं उलझन में कल के,
कि जब कल होगा तब क्या होगा?
होंगे सब सपने अपने एक दिन,
लेकिन फिर आज कहां होगा?

-


21 SEP 2020 AT 21:49

सर से पांव तक दिल ही दिल हुआ करते थे हम कभी,
आज कुछ दिलवाले बेदिल बयां कर रहे हैं हमें! 💔

-


16 JUN 2020 AT 16:31

किसी कवि को कभी छोटा मत समझना साहब,
वो अपनी आह तक लिख देता है तुम्हारे वाह के लिए।

-


1 JUN 2020 AT 0:42

कश्मकश की इस जंग में,
ना जाने क्या क्या हुआ होगा।
जब किसी पराए को पाने के लिए
किसी अपने को छोड़ना पड़ा होगा

-


27 MAY 2020 AT 13:10

दूसरों को अंधा बोलने वाला,
आज खुद भी लड़खड़ा रहा है,
खुदको जब तुझे ठेस लगी आज,
तो पत्थर का दोष बता रहा है।

-


15 MAY 2020 AT 8:41

दर्द मुफ्त में ही मिला है, मंहगी तो खुशियों की दुकान रही है!

-


Fetching Prakash Agrahari Quotes