जिन्होंने देश के खातिर
जान कुर्बान कर दी
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कम्बक्त मुझे उसकी फिक्र होने लगी हैं
सुना है फरवरी का महीना दिल तोड़ने का काम करता हैं-
मोहब्बत तकलीफ तो देती ही होगी वर्ना
कौन कम्बक्त इस प्यार के महीने फरवरी के दिन घटाता...-
कम्बक्त मुझे भी फिक्र है उसकी
सुना है वो किसी और का हाल पूछने लगी....-
वो कम्बक्त दीवानी चॉकलेट की
मैं कम्बक्त दीवाना चाय का
कम्बक्त उसे पसंद हैं मेरी बात
कम्बक्त मुझे पसंद हैं उसकी मुस्कुराहट
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हम संवर जायेंगे...
माना बदनाम हैं मगर
हम सुधर जायेंगे...
आदत हो गई है तुम्हारी मगर
किसी दिन तुम्हे भूल जायेंगे...
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प्यार कब तक...
गम बहुत दिए तुमने
ये जुल्म कब तक...
याद आते हो हर रोज
ये मोहब्बत का
ख्याल कब तक...-
एक दर्द मेरे सीने में उम्र भर रहेगा
मैने उस शख्स को चाहा जिसको
कोई दूसरा शख्स बेइंतहा चाहता था-
स्वरों में रह जातें हैं
महान लोग हमारे बीच ही रहते हैं
यादों में रह जातें हैं
हमारे बीच विरासत छोड़ जाते हैं अपनी
ख्वाबों में रह जातें हैं
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तेरे दर से शुरू हुआ
हम दोनों खुदा से मांगते
एक दूसरे को
असर मोहब्बत का हुआ तुझसे
गुनाह कर दिया तूझसे दूर होकर
सर कलम हुआ खुद से-