ख्वाहिश जो ज़ाहिर की उन्हें पाने की,
उन्हें लगा कि हमसे गु़नाह हो गया कोई।
एक मासूम चाहत की फरियाद में,
उम्र भर का तजुर्बा दे गया कोई।-
Pradeep Joshi
(PJ)
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~~Back to writing, Back to life~~
Joined 2 December 2016
11 JAN 2017 AT 15:24
9 JAN 2017 AT 17:59
Dreamy eyes dreamt of those dreamy nights when we dreamt of being together forever.
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8 JAN 2017 AT 15:32
मैं हूँ दिये कि लौ जैसा,
तेरी यादों की हवा चलते ही, बुझ जाता हूँ।-
4 JAN 2017 AT 19:34
"निर्भया" से लेकर "सामुहिक छेड़छाड़" तक,
कसूर कभी छोटे कपड़ों का था ही नहीं।
सोच बत से बत्तर हो गयी है चार साल में,
"बेटी बचाओ" से "बेटी सताओ" का सफर तो तय नहीं कर लिया कहीं?-
28 DEC 2016 AT 15:40
आज महफिल में जो ज़िक्र हुआ तेरा,
जे़हन को कई पुराने किस्सों ने झकझोर दिया।-
28 DEC 2016 AT 13:28
ऐ ख़ुदा क्यों नाराज़ है मुझसे तू,
क्या मेरा प्यार एक इबादत नहीं?-
27 DEC 2016 AT 18:24
name = input("Please enter your name: ")
print("You are a Python developer" +name)-