29 MAR 2019 AT 9:47

तू पढ़ता है मेरी पुस्तक मै तेरा मुखड़ा पढ़ती हूं।
तू चलता हैं मेरे संग, पग पग मै भी बढ़ती हूं
तू खुली किताबो का जादूगर, मै बंद किताब कहानी की
तू हसी खुशी का सौदागर , मै रात हसीन जवानी की
तू तिरछे नजर से देखे तो, मै अपनी आंखे चुराती हूं
तू पढ़ता है मेरी पुस्तक मै तेरा मुखड़ा पढ़ती हूं।
तू मन का भाव मिलाता है , मेरी नशीली आंखों से
मै अपने भाव, मिलाती हूं , तेरी पलकों की छावो से
तू मेरी बात पकड़ता हैं, मै तेरा मौन पकड़ती हूं
तू श्याम नयन से देखे तो , मै निल गगन में उड़ती हूं।
तू पढ़ता है मेरी पुस्तक, मै तेरा मुखड़ा पढ़ती हूं।

# # # पूजा मौर्य

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