बेइलाज है तू पर नहीं
ये सारी दुनिया कही थम सी गयी है,
सड़के अब सुनी हो गयी है|
इंसान अब घरों पे कैद हो गए है |
क्यों की जो देशक तूने बाहर फैला रखी है ;
अब तो कब्रों के लिए भी जगे काम पर रही है |
वजह, वजह, एक तू ही है,
तेरे नाम पे अब सब कापने लगे है,
तेरी पहचान, COVID-19 और CORONA है |
तूने लाखो मासूमों की जान ली है ;
तेरी वजह से लोग पानी तक को नसीब ना हो पाए |
जो गुजर गए वो आखरी वक़्त पे अपनी परिवार तक से ना मिल पाए |
तू एक बेइलाज और बेहरहम घाव है,
जो एक डरावना खुआब बनके सबके ढिल्लो पे छाया है ;
हां, पर हम भी हार नहीं मानने वाले |
हम लड़ रहे है और लड़ते रहेंगे; एकसाथ|
तुझे हारना ही होगा और हम हराके रहेंगे |
ये तेरी और इन्शानियत की युद्ध है,
इस युद्ध के रखवाले ;
हमारे doctors, police, और safaikarmachari है |
जिन्होंने अपनी जान हथेली पे रख कर,
तुझे जड़ से उखाड़ ने की थान ली है |
बेइलाज है तू पर नहीं,
क्यों की ये तोह महज़ एक बुरा वक़्त है,
जो गुजर जायेगा, हम सब फिर से मुस्कुरायेंगे |
फिरसे हम खुले आशमानो के निचे हस्ते खेलते खिलखिलायेंगे ;
वो पल फिरसे लौट आएगा, जब हम दोस्तों के साथ खुलके हसेंगे,
जब सारी दुनिया तेरी खौफ से आज़ाद हो जाएगी |
हम हार नहीं मानेंगे....
बेइलाज है तू पर नहीं |
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