तुम्हें गैरों से कब फुरसत,
हम अपने गम से कब खाली।
चलो बस हो चुका मिलना हमारा,
न हम खाली न तुम खाली॥"
भारतेंदु हरिश्चंद्र- Akanksha AKS
10 AUG 2019 AT 23:44
तुम्हें गैरों से कब फुरसत,
हम अपने गम से कब खाली।
चलो बस हो चुका मिलना हमारा,
न हम खाली न तुम खाली॥"
भारतेंदु हरिश्चंद्र- Akanksha AKS