Dev श्री Shukla   (Kapoor shukla)
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Joined 13 May 2018


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23 JUN 2024 AT 14:46

कितना धड़का हैं दिल ये तेरे नाम पे
तेरी यादों में हमने ना,, ये भी गिना।
दुनिया कुछ भी कहे,पर मुझे है पता
में तो कुछ भी नहीं हूं ,,तुम्हारे बिना ।

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23 JUN 2024 AT 14:45

कितना धड़का हैं दिल ये तेरे नाम पे
तेरी यादों में हमने ना,, ये भी गिना।
दुनिया कुछ भी कहे,पर मुझे है पता
में तो कुछ भी नहीं हूं ,,तुम्हारे बिना ।

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7 JUN 2024 AT 21:36

मेरे आंखों के पन्नों पे,,,जो तस्वीर है
मेरे दिल में लगा,,,जो तेरा तीर है।
होंगी दुनिया बहुत खूबसूरत मगर
मेरे खातिर तो बस एक तू हीर है।

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7 JUN 2024 AT 21:21

ख्वाब नींदो से भी ,,, कुछ चुराता हूं में
तुम्हारे आगे तो‌‌ सब ,,,भूल जाता हूं में।
बात होती नहीं,,,,,,,तुमसे माना मगर
याद करके तुम्हे,,,,,,,मुस्कुराता हूं में।

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5 JUN 2024 AT 21:37

आवाज़ सुनने की तलब होती है हमें भी
मगर इस बात को हमने टाल रखा है।
तुम्हारा एहसास किस कदर है बता नहीं सकता
फिर भी मैंने दिल को सम्भाल रखा है।
कुछ कर के ही मिलेंगे तुमसे,,, तुमने बेकार में मेरी वफ़ा पे शक पाल रखा है।

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5 JUN 2024 AT 9:18

जो उम्मीद‌ नही की थी,उससे भी काफी पार गए
अयोध्या के वैभव को, अयोध्यावासी करके तार तार गए ।
जिसको तुमने अपना समझा,वो ही तुमको मार गए
राछस सारे जीत गए, राम हमारे हार गए।
Shame On Secular ayodhyavasi

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5 JUN 2024 AT 9:18

जो उम्मीद‌ नही की थी,उससे भी काफी पार गए
अयोध्या के वैभव को, अयोध्यावासी करके तार तार गए ।
जिसको तुमने अपना समझा,वो ही तुमको मार गए
राछस सारे जीत गए, राम हमारे हार गए।
Shame On Secular ayodhyavasi

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5 JUN 2024 AT 8:50

राम है कौन रावण कौन,हर जन अब शंकित है
तुम वनवासी थे अच्छा था,ये व्यथा कथा में टंकित हैं।
सीता माता से प्रश्न हुए,,,ये ग्रंथों में अंकित है
युगों युगों से राम तुम्हारी,,,अयोध्या कलंकित है।

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4 JUN 2024 AT 23:56

तुमसे बात करने का मन करता है बहुत
मगर इस बात को हमने टाल रखा है
दिल धड़कता बहुत है मगर हमने दिल को सम्भाल रखा है।
तुम्हे रब माना है,, तुम मेरी आदत नहीं इबादत हो
तुम्हे कैसे बताये तुम्हारे लिए क्या क्या अरमान पाल रक्खा है।

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4 JUN 2024 AT 23:16

वफ़ा की कीमत पता है मुझे
बदल जाऊ ऐसा दिल नहीं हूं
कांटे लाख हो सफर में
में बदलने वाली मंजिल नहीं हूं।
तुम्हारी खुशी ओर सम्मान से समझौता
मुझसे होगा नहीं
वक्त दो हमें खुद के काबिल बनने का
अभी में तुम्हारे काबिल नहीं हूं।

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