मेरा स्त्रीत्व(रूप,सौंदर्य) इस देह के साथ ही समाप्त हो जाएगा, यह क्षणभंगुर है।
पर मेरी इच्छा है कि मेरे व्यक्तित्व की सुंदरता चिरकाल तक बनी रहे। तुम जब भी मुझे याद करो तुम्हारे अधरों पर एक मुस्कान हो ।
शक्ल, सूरत, रूप, रंग से परे कभी तुम झांकना मेरे अंतर्मन में जहाँ तुम्हारे लिए केवल प्रेम है केवल निःस्वार्थ प्रेम...!!
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