वसुंधरा पे बसा एक मकान,
घर में बदल जाता हैं,
बेटी वो आशीर्वाद हैं।।-
P S
(प्राज्ञता)
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Joined 25 September 2018
23 JAN 2022 AT 22:51
मुझसे पूछो,बस एक लम्हे में मेरी पूरी रूह बदल गई।
जिंदगी के तमाम फैसले, अब वो लम्हा तय किया करता हैं।।-
23 JAN 2022 AT 17:04
भीड़ में अक़्सर वो अकेले घूमता हैं,
खाने की तलाश में,कोई जानवर नही
जनाब वो भो इंसान का बच्चा हैं।।-
22 JAN 2022 AT 23:31
दर्द से उभरने का वक्त सिर्फ इस जन्म तक ही हैं,
अगले पर अधिकार सिर्फ सुकून को होगा!!
"ना दर्द,ना लोगो का मेरा जीवन सिर्फ मेरा होगा।"
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11 JAN 2022 AT 20:03
कुछ लोग उम्मीद जितना दुसरो से रखते हैं,
अगर उसका एक प्रतिशत भी खुद पूरा कर पाते,
तो लोग उनसे कुछ उम्मीद रख पाते!
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9 JAN 2022 AT 23:17
अठारह से चला ये सफर,
बाईस तक पहुँच गया!
बस हर सफर की तरह,
ये भी अधूरा न रह जायें!!-
9 JAN 2022 AT 14:43
मन बहुत व्याकुल सा हो रहा,
प्यार जिस से करते हैं उनको समझाना बहुत मुश्क़िल हैं।।
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