खानाबदोश ज़िन्दगी का अपना ही एक मज़ा है।न कोई ठौर न कोई ठिकाना,सिर्फ चलते जाना है। -ओशिर - Oshir
खानाबदोश ज़िन्दगी का अपना ही एक मज़ा है।न कोई ठौर न कोई ठिकाना,सिर्फ चलते जाना है। -ओशिर
- Oshir