चौदह भुवन एक पति होई ।
भूतद्रोह तिष्टइ नहिं सोई ।।
गुन सागर नागर नर जोऊ ।
अलप लोभ भल कहइ न कोऊ।।
- गान्धी ओमप्रकाश
31 MAR 2019 AT 15:26
चौदह भुवन एक पति होई ।
भूतद्रोह तिष्टइ नहिं सोई ।।
गुन सागर नागर नर जोऊ ।
अलप लोभ भल कहइ न कोऊ।।
- गान्धी ओमप्रकाश