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Soul !
Joined 6 April 2017


Soul !
Joined 6 April 2017
25 AUG AT 22:09

In a hope to find me
I might lose you ,

But what scares me the most is
That I might just be the eventual loser
And find nothing but emptiness

Let me still move ahead with my little hope on one big shoulder…

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25 AUG AT 22:06

शायद ख़ुश थोड़ी ज़्यादा हो गई थी उस दिन !

कहीं तो है कोई तो है
जो मेरे लिए मेरी कहानी लिख के बैठा है
कि देख तेरे लिए मैं तुझसे बेहतर जानता हूँ !

ज़रा जाके बता दो कोई उस रचनाकार को
कि हाँ मेरी कोशिश जारी है
थोड़ा सब्र करें !

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25 AUG AT 22:01

ये कैसी कशमकश है !

जी कहता है कि सुन ली जाये दिल की
पर दिमाग़ झकझोर के कहता है
ये सही तो नहीं हैं !

बहुत ग़म हैं मेरी इस दुनिया में
सिर्फ़ एक तेरी कमी ही तो नहीं हैं !

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23 AUG AT 10:20

कुछ खफा सा लगता है
कुछ खाली सा दिखता है
छुपाये हुए कुछ दर्द गहरे
हर कोई हमसाया सा लगता है

दिल की उदासियों पर
हंसी का मुखौटा पहने
नज़रों की तन्हाई पर
उत्साह का चश्मा पहने
दिन काट लेता है हर एक शख्स

रात की खामोशियो में
एकटक दिवार को घूर,
कुछ गहन सोच में डूबा
कुछ कशमकश में विलीन
सिसक पड़ता है हर एक शख्स

दिल की गहराइयो के राज़
अंतर में दफ़न किये
मुंह चादर में लपेट
फिर सोता है वो कुछ पल को

नई सुबह के इंतज़ार में
कुछ डर, कुछ ख्वाहिशें दबाये
अपनाकर हक़ीक़त को
चल पड़ता है ज़िन्दगी की दौड़ में

अतृप्त, असंतुष्ट
पैदा हुआ हर एक शख्स
मरते दम तक अधूरा होता है
इंतज़ार में जागता वो किसी के
इंतज़ार में सोता है

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23 AUG AT 10:12

अनचाही ज़िन्दगी के सफ़र में
हर दिन टूटती हूँ
हर लम्हा बिखरती है ख़ुशी
हर दिन टपकते हैं आंसू
हर रात अपनी पलकें पोंछ कर
नए दिन की सुबह देखने को
समेट कर उन टुकड़ों को
फिर उठती हूँ
गिरती हूँ तो बिन सहारे खुद संभलती हूँ
चल पड़ती हूँ राह पर
रास्ते में आते पत्थरों को ठोकर मार बढती हूँ
अकेली उड़ती पतंग सी
कटने का इंतज़ार करती हूँ !

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23 AUG AT 10:09

ज़िन्दगी मैं हैरान हूँ
बेबसी पे तेरी
दिल में दर्द
होठो की हंसी पे तेरी

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23 AUG AT 10:08

मेरे होने न होने का
जिस दिन फर्क पड़ जाए
मुझे बता देना

जिस दिन मेरी हँसी में
छुपा दर्द दिख जाए
मुझे बता देना

रहूंगी मैं नाचती
खिलखिलाती मुस्कुराती
ऐसे जैसे कोई लहर
सागर से मिलके गुनगुनाती

जिस दिन मेरे अधूरेपन की
भनक लग जाए
मुझे बता देना

मेरी उल्हास भरी बातों में
मेरे सहमे हुए दिल की
जो कसक मिल जाए
मुझे बता देना

खुशबू बाँटती पर
मुरझाई सी मैं हूँ
मेरी खोई हुई सी गर महक मिल जाए
मुझे बता देना

मेरी अहमियत तब होगी
न रहूंगी जब आसपास

मेरे जाने पे जिस पल
आँखे छलक जाएँ
मुझे बता देना

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23 AUG AT 10:03

काश टूटे हुए दिल, गले लग कर जुड़ जाते,
कभी किसी चेहरे पे यूँ उदासी ना होती !

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23 AUG AT 10:01

बार बार उससे मिलने की वजह ढूँढती है
कितनी नासमझ होगी ना वो
फिर उसी शख़्स में अपना खोया चैन ढूँढती है !

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23 AUG AT 9:17

सब सही तो है, मज़े में तो है ज़िंदगी
फिर क्यों ये जग रूठा सा लगता है ?
हँसी बहुत है मेरे चेहरे पे
पर क्यों दिल में कुछ टूटा सा लगता है ?

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