एक अरसे से मुस्कुराई नहीं हूँ ,
वजह ना पूछो मुझसे !
ये भी कोई बताने की बात है ,
कि उसको किसी और की बातों पे हँसते हुए देखा था !-
हल्की मिट्टी की महक
जैसे तू आसपास है।
भीगा मन...
जिसे तू छूकर गया है, बिन कहे।
बारिश की आवाज़ में,
अल्फ़ाज़ नहीं हैं,
बस — तू है।-
बाहर के इस शोर में
अंदर गहरी शांति है !
अंधेरों में गुम जहाँ में
मेरे भीतर जलती ज्योति है
कमतर से माहौल में
संतोष है और तृप्ति है
मोह है , स्नेह है, प्रीति है, आसक्ति है
लगाव है, चाह है, अनुराग है, भक्ति है !
इस सम्मोहन में ही मुक्ति है
आज प्रेम ईश्वर है और ईश्वर शक्ति है !-
मेरी कलम है
और ये लिखाई है
तुम्हारी याद है
और क़ायम जुदाई है
इश्क़ का पर्दा ऐसा हटा है आँखो से
अब बस मैं हूँ
और मेरी तन्हाई है !-
सुना है उनको हमसे बेहद इश्क़ था
पर वो ख़ाक में बदल गया !
पता है क्यों ?
क्योंकि हमको भी उनसे हो गया !-
शुक्रिया अदा कैसे किया जाये उस इंसान का ,
कि उसने वहीं लाके छोड़ा
जिस मोड़ से हम दहशतज़दा थे !
अब मैं हूँ
मेरे जज़्बात हैं
ये वक्त है
ये हालात हैं !
पर कुछ तो अलग हैं
कोई तो बात है !
कि ग़म आँखो से नहीं बहता
सीने में मुक़र्रर है, दिल में तैनात है !-
सोचो किसी और के हाथ में डोर हो तुम्हारी
गर ऐसे पतंग की तरह बंधे नहीं हो ,
जैसे छटपटाता, तड़पता हो कोई कीड़ा दर्द से
गर ऐसे मकड़ी के जाल में तुम फँसे नहीं हो ,
जिस्म का आज़ाद होना आसान है लेकिन
गर किसी की सोच में उलझे मायूस नहीं हो ,
तो रोज़ नाचो गाओ , जश्न मनाओ
कि इश्क़ में तुम फ़ना नहीं हो !-
कहाँ तक गिरेगा स्वाभिमान
किस हद तक झुकूँगी !
एक दिन तो संभाल लूँगी ख़ुद को
एक दिन तो रुकूँगी !
उस दिन के इंतज़ार में हूँ
कि आज़ाद हो दिलोदिमाग़ !
कब तक नज़्में पढ़ूँगी
कब तक ये खून थूकूँगी !-
प्यार, कभी ऐसा सुख
की हर नब्ज़ सँवर जाये !
प्यार, कभी ऐसा दुख
की एक एक साँस बिखर जाये !-
तुम्हे याद करने को
मुझे खास वजह नहीं चाहिए !
बस नब्ज़ चलनी चाहिए
और साँस आनी चाहिए !-