अभी गनीमत है सब्र मेरा
अभी लबालब भरा नहीं हूं
वो मुझको मुर्दा समझ रहा है
उसे कहो मै मरा नहीं हूं
वो कह रहा है के कुछ दिनों में मिटा के रख दूंगा नस्ल तेरी
ये उसकी आदत डरा रहा है
ये मेरी फितरत डरा नहीं ♥️
Rahat Indori- Niyaz Ahmad
25 NOV 2019 AT 23:00