10 JAN 2021 AT 9:51

जन्म हुआ देववाणी से मेरा, संस्कृत की उत्तराधिकारिणी हूं।।
अपभ्रंश, अवहट्ट से स्वीकार किया, सहस्त्र वर्ष से पुरानी हूं।।
भक्तिकाल मे मुख संतो के, निकली गरिमामयी वाणी हूँ।।
जन जन की मै एक भाषा, जो बनी जगत कल्याणकारी हूँ।।
जन्म हुआ देववाणी से मेरा.............................
छत्रपति शिवाजी,भूषण के मुख, निकली भाषा महान हूँ।। कोटी कृतियां बनी आज तक,शूर वीरों का बखान हूं।।
भारत वर्ष इस महान भूमि की , जन मानस की संबंधी हूँ।। पहचानो मुझे हे वीर बंधुओं,कोई और नहीं,मैं राजभाषा हिंदी हूं।।

- Nitin Bopche