"ज़िंदगी बोझ बन गई हैं"
मन में सूनापन लिये!
राहों में अकेलापन लिये!
खामोशी में तन्हापन लिये!
ज़िंदगी फिर से कहीं थम सी गई हैं,
ये ज़िंदगी मेरी बोझ बन गई हैं...😶
बातों में अधूरापन लिये!
बिन सूरज के सवेरे लिये!
पहाड़ो सी रातों के अंधेरे लिये!
ज़िंदगी फिर से कहीं थम सी गई हैं,
ये ज़िंदगी मेरी बोझ बन गई हैं...😶
- ahsiN...📝📖
14 APR 2018 AT 23:12