मेरी वफ़ा का सिला तुमने
मेरी रुसवाई करके दिया,
मेरी मुस्कुराहट को तुमने ही
आँसु में तबदील किया,
फिर भी रुसवाई का तुम पे
इल्ज़ाम ना मैं लगाऊँगी ।-
गुलाब की ख़ुशबू सा प्यार तेरा ,
मेरे जीवन में खुशियाँ बिखेरता,
हर रंग से प्यारा इश्क़ का रंग तेरा,
मेरे जीवन में रंगबेरंगी रंग सजाता।-
तेरे दिल से मेरे दिल का ये रिश्ता तुम ना तोड़ना,
साँसों में बसा नाम तेरा, मुझसे रुख़ ना मोड़ना।-
चांदनी रात में समंदर के किनारे तेरे ही गीत सुना करती हूँ,
तू पास ना होकर भी पास होता है ये महसूस किया करती हूँ।-
यूँ ना हँसकर मुझे खवाबों में बुलाया करो,
मेरी निशानी को होठों में ना दबाया करो,
बिना काम करे वापस चला मैं आऊँगा,
यूँ मुझे तस्वीर भेज क़ायल ना किया करो ।-
मोह के धागे से सनम मैं तेरे क़रीब खींची आई,
नाम से बने रिश्ते को रूहानियत तक ले आई,
कौन कहता है इश्क़ करना गुनाह है,सुन लो ,
इश्क़ के रहते मैं हर काँटों को पार कर आई ।
ज़िन्दगी को तेरे नाम कर रूहानियत से जुड़ गई,
तेरे हर ग़म और ख़ुशी में तेरे साथ चलती गई,
इश्क़ को निभाना भी मैंने तुमसे ही सीखा जान,
मुस्कुराते हुए तेरे दिए ज़ख्म को भी भूलती गई।
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इश्क़ करना सनम मैंने तुमसे ही तो सीखा,
खामोश रहकर भी मेरा ख्याल रखते हो ।-
मुरली की धुन पर अपनी सूझ बुझ भूल जाती हूँ,
कान्हा तेरे प्यार में मैं सब कुछ भूल जाती हूँ,
साँवली सूरत तेरी बड़ी मनमोहक है,
उसपे मुरली की धुन बड़ी मनभावक है,
सारा काम छोड़ चली आती हूँ पास तेरे,
और बैठकर सिर्फ़ मुरली की धुन सुना करती हूँ ।-
तेरे ग़ुस्से को देखकर आज भी सिहर जाती हूँ,
तेरे प्यार को देख फिर पिघल भी जाती हूँ ।-