ऐसी आग लगी है सीने में,कि जल कर खाक हो गए हैं,कुछ बचा ही नहीं जिंदगी में; ऐ "निशा"कि लानत है ऐसे जीने में।। -
ऐसी आग लगी है सीने में,कि जल कर खाक हो गए हैं,कुछ बचा ही नहीं जिंदगी में; ऐ "निशा"कि लानत है ऐसे जीने में।।
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उन्होंने हल्के से मेरे हाथ पर हाथ रख दिया होंठ हिले भी नहीं आंखों ने इजहार कर दिया। -
उन्होंने हल्के से मेरे हाथ पर हाथ रख दिया होंठ हिले भी नहीं आंखों ने इजहार कर दिया।
इश्क मोहताज नहीं दिन और महीनों काइश्क का इजहार हर रोज़ हर बार होना चाहिए,इश्क है तो इश्क का इजहार होना चाहिए। -
इश्क मोहताज नहीं दिन और महीनों काइश्क का इजहार हर रोज़ हर बार होना चाहिए,इश्क है तो इश्क का इजहार होना चाहिए।
"जो खुद गुलाब है उसे क्या गुलाब दूं " उनके इस बात का मैं क्या जवाब दूं। -
"जो खुद गुलाब है उसे क्या गुलाब दूं " उनके इस बात का मैं क्या जवाब दूं।
दिसंबर की सर्द रातों में उनके बिना,जीना हो रहा मुश्किल -
दिसंबर की सर्द रातों में उनके बिना,जीना हो रहा मुश्किल
कभी इन गुलाबों कि तरह मन मोह लेने वाले, आज सीने में चुभते हैं "हम तो अपने हैं" कहने वाले। -
कभी इन गुलाबों कि तरह मन मोह लेने वाले, आज सीने में चुभते हैं "हम तो अपने हैं" कहने वाले।
जैसे जैसे वक्त गुजरता है , स्त्रियां रिश्ते में समझौते करना सीख जातीं हैं ।कितने ही जतन से सीखा था उसने गोल सुन्दर रोटीयां बनाना,वैसे ही सीख जातीं हैं दर्द को सहना,मौन रहना जैसे जैसे वक्त गुजरता है। -
जैसे जैसे वक्त गुजरता है , स्त्रियां रिश्ते में समझौते करना सीख जातीं हैं ।कितने ही जतन से सीखा था उसने गोल सुन्दर रोटीयां बनाना,वैसे ही सीख जातीं हैं दर्द को सहना,मौन रहना जैसे जैसे वक्त गुजरता है।
मुस्कुराहट के पीछे का दर्दवो ही समझ सकता हैं ;जिसने हर बात में मुस्कुराते हुए ज़िन्दगी निकाल दी हो। -
मुस्कुराहट के पीछे का दर्दवो ही समझ सकता हैं ;जिसने हर बात में मुस्कुराते हुए ज़िन्दगी निकाल दी हो।
तुम्हें फिर से उठ कर आगे बढ़ना होगा 'निशा' उस बेशर्म फूल की तरह जो कहीं भी उग जाते हैं । -
तुम्हें फिर से उठ कर आगे बढ़ना होगा 'निशा' उस बेशर्म फूल की तरह जो कहीं भी उग जाते हैं ।
इधर उधर से रोज़ ना तोड़िए हमें,अगर ख़राब है तो छोड़िए हमें। -
इधर उधर से रोज़ ना तोड़िए हमें,अगर ख़राब है तो छोड़िए हमें।