Nishant soni-३६९   (gov. lec.hindi nishant)
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Hamesa dusaron ko khus rakhna #
Joined 16 October 2018


Hamesa dusaron ko khus rakhna #
Joined 16 October 2018
12 OCT 2023 AT 21:15

निशांत की कविता
.................................
आह भरी मेरी कविता ने,
लोगों का उत्साह बढ़ा,
मैं करुणरस का रचनाकर,
श्रृंगार रस पर क्या कविता।
उत्साह नया, ना रोदन,
क्या शांत रस ही कविता।
भय ना हो मुझको, फिर भार भरा शब्दों का,
यूं शब्दों, में भाषा की,
मंझदार बनी सरिता।
उत्कंठ राग पर ध्वनि बनी,
ध्वनि नहीं, शब्द नहीं,
अहो भाव से बहती कविता।
12/10/2023
स्वरचित/स्वाधिकार सुरक्षित/
निशांत सोनी विश्व कविता पाठ

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12 OCT 2023 AT 12:50

निशांत की कविता
.........................
तुम गंगा जल,
मैं समुद्र ,खारा पानी।
हे मानव, गंगा जल पीने वाला,
मैं लगता तुमको खारा-खारा।
गंगा पावन धारा।
हे सूर्य देव,
मेरा ताप हरो।
मैंने, ना विनती की,
मैने तो जलना चाहा।
मेरे जलने की अभिलाषा,
ने मुझको मीठा कर डाला ।
तुम गंगा जल,
मैं, समुद्र खारा पानी।








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4 AUG 2023 AT 21:20

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4 AUG 2023 AT 21:18

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4 AUG 2023 AT 21:13

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25 NOV 2022 AT 19:59

याद आई हो तो
शायद मैं जिंदा हूँ।

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22 OCT 2022 AT 5:40

डिप्रेशन में डूबा इंसान
अब तो खुद से ही बातें करता इंसान।

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21 OCT 2022 AT 12:37

फिर भी उदास
जिंदगी भी पास।

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21 OCT 2022 AT 12:35

सोचता हूँ! बस

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1 OCT 2022 AT 14:30

सुगंध सी है़,
खूबसूरत भी है़।

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