वो दरिया-ए-आब जो शिकस्त हो गया
मैं अपने आप में मस्त हो गया
وہ دریاِ آب جو شکست ہو گیا
میں اپنے آپ میں مست ہو گیا-
निरपेक्ष निष्क्रीय निश्चल निसर्गाच्या सानिध्यात
आयुष्याची उजवण थोडी माझी ही भव पाशात-
एक रुक्ष बाभळी मातीत रुजू पाहते
जयाच्या मूळाशी सप्त सिंधू वाहते
रक्ताने माखलेले वस्त्र अजुनी ओले
प्रेतांच्या मृगजळात ताम्र आभरण थोडे
नाहक दृष्टीचा पान्हा फुटल्या विना
कशा सुकतील आसक्तीच्या खुणा
मूळ एक ठाव परि नाम रूप आगळे
किती धर्मांध सजीव पाषाणांचे गोळे
ती शुभ्र संध्या आशेची दूर तमात बुडते
संभ्रमाच्या लाटेत एकटी बाभळी जळते-
निकलना ख़ुल्द से आदमी का अब मुश्किल हैं
मगर क्या कीजे कि उस का भी तो इक दिल हैं
نِکلنا خُلد سے آدمی کا اب مُشکِل ہیں
مگر کیا کیجے کہ اُس کا بھی تو اِک دِل ہیں-
लावुनी सल ती एकटेपणाची
मावळत्या मनी चाहूल कुणाची
ऐल सुखाच्या चौरस्त्यावर
अनवट जरी वाट वळणाची
मुजोरपणी अशक्त वासना
एवढीच सांगड कणा कणाची
मदन भोळा विरहात क्लांत
जिव्हारी ज्यांस वेदना बाणाची
अजुनी पिंजर भांगेत टपोरे
खुणावते नवी आस सणाची
प्रपंचातले ते नक्षत्र कोवळे
पुन्हा आठवण गत ऋणाची-
नतीजा इन हवाओं में यूँ ही घुलता रहा
मैं आप ही से आप की तरफ़ चलता रहा
نتیجہ اِن ہواؤں میں یوں ہی گُھلتا رہا
میں آپ ہی سے آپ کی طرف چلتا رہا-
देखा हैं हज़ारों में इक चिराग़ वो भी
जो जलता हो शब भर और जलाता ख़ुद को भी
دیکھا ہیں ہزاروں میں اِک چراغ وہ بھی
جو جلتا ہو شب بھر اور جلاتا خود کو بھی-
وہ جو ماہِ یارِ وِصال تھا
عجب اپنے دِل کا حال تھا
کِسی سوز میں سانسیں گرم تھی
یعنی زمانے بھر کا ملال تھا
ڈوبتا سورج بھو اُفق پار
نہ کم زرد نہ زیادہ لال تھا
اِک اِنسانی وجود یا سایہ تکدُر
یا ذہنی لکیروں سا خیال تھا-
वो जो माह-ए-यार-ए-विसाल था
अजब अपने दिल का हाल था
किसी सोज़ में साँसें गर्म थी
या'नी ज़माने भर का मलाल था
डूबता सूरज भी उफ़ुक़ पार
न कम ज़र्द न ज़ियादा लाल था
इक इंसानी वजूद या साया तकद्दुर
या ज़ेहनी लकीरों सा ख़याल था-
दूर से ही फ़क़त मेरा तमाशा देखते रहें
ये लोग ज़ख़्म-ए-जिगर पे नमक मलते रहें
कोई कैसे बतलाए जो हाल हैं इस दिल का
मैं तो वहीं था मगर लोग नीयत बदलते रहें
इस दीवानी 'अना ने चैन से रहने न दिया
या'नी सरकश हवाओं में घर बिखरते रहें
ऐ अय्याश ज़िन्दगी ये तो लाज़िम नहीं
किसी की महरूमियों पर ताने कसते रहें
तुझ पे जो बीती किसी ने न जानी 'निमिष'
लोग इन ग़ज़लों को तेरा हुनर समझते रहें-